Bihar Education Crisis: बिहार की अर्थव्यवस्था पर तीखी बहस, 'जंगलराज' से 'सुशासन' तक
एबीपी न्यूज़ | 05 Oct 2025 10:58 PM (IST)
बिहार में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक दलों का ध्यान महिला और युवा मतदाताओं पर केंद्रित है. सरकार ने 1 करोड़ महिलाओं को ₹10,000 और 50 लाख रोजगार सृजित करने का दावा किया है. हालांकि, शिक्षा और रोजगार के आंकड़े चिंताजनक स्थिति दर्शाते हैं. बिहार देश का सबसे युवा राज्य है, जहाँ औसत आयु 22 वर्ष है और 58% आबादी 25 वर्ष से कम है. शिक्षा व्यवस्था में 2637 स्कूलों में केवल एक शिक्षक, 20503 स्कूलों में बिजली की कमी और 5541 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय न होने के आंकड़े सामने आए हैं. 2018-19 से 2023-24 के बीच 35.65 लाख छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया है. 15-29 आयु वर्ग में बिहार की बेरोजगारी दर 26.4% है, जो राष्ट्रीय औसत 16.1% से अधिक है. बिहार का आर्थिक योगदान 1960-61 में 7.8% से घटकर 2023-24 में 4.3% हो गया है, और प्रति व्यक्ति आय ₹66,828 वार्षिक है. राज्य बजट घाटे और ₹3.61 लाख करोड़ के कर्ज से जूझ रहा है. एक पक्ष 8.6% की वास्तविक विकास दर का दावा करता है, जबकि दूसरा शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी में राज्य की निम्न रैंकिंग पर सवाल उठाता है. पलायन एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक मुद्दा बना हुआ है. चुनावी समीकरण अब 'महिला युवा' फैक्टर की ओर बढ़ रहा है.