Chandrayaan 2: लैंडिंग असफल होने पर बोले पीएम मोदी- ISRO कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण
ABP News Bureau
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया. सपंर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडिंग असफल होने पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है. विज्ञान में विफलता होती ही नहीं, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं. हर प्रयोग-हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बो के जाता है. नई संभावनाओं की नींव रखके जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हमारे हजारों सालों का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है, जब शुरुआती रुकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की हैं. खुद ISRO भी कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है.’’