बिहार में बहार, 10 वीं बार नीतीशे कुमार । Bihar Politics | Nitish Kumar Oath
बिहार की राजनीति में अपना इक्का जमाने वाले नीतीश कुमार ने न सिर्फ राज्य की तस्वीर को बदला बल्कि सामाजिक और राजनीतिक ढांचे को मजबूत किया. यही वजह है कि इस बार भी उनके नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने 200 के आंकड़े को पार किया. चार दशक का राजनीतिक करियर लिए नीतीश कुमार बिहार में बतौर मुख्यमंत्री 10वीं बार शपथ लेंगे. ऐसे में हम आज उनके राजनीतिक करियर के बारे में बता रहे हैं. अपनी रणनीतिक चालों, पैनी राजनीतिक नजरिए के लिए पहचाने जाने वाले नीतीश कुमार के सफर पर नजर डालें तो 1977 में पहली बार नीतीश कुमार ने हरनौत सीट से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में नीतीश को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 1980 में नीतीश ने हरनौत सीट से चुनाव लड़ा और फिर हार गए. इसके बाद उन्होंने प्रण लिया था कि अगर 1985 में चुनाव हार गए तो राजनीति छोड़ देंगे, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. 1985 में वो विधायक बनें. तब से लेकर अबतक कई बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 1985 में नीतीश कुमार नालंदा जिले के हरनौत से बिहार विधानसभा चुनाव जीते. इसके चार साल बाद उन्होंने बाढ़ लोकसभा सीट जीती और राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री की. 1990 में वीपी सिंह सरकार में उन्हें केंद्रीय कृषि और सहकारिता राज्य मंत्री बनाया गया. 1994 में वह लालू प्रसाद यादव अलग हुए और अपनी स्वतंत्र राह चुनी. उन्होंने इसी साल जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया. 1996 में समता पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन में आई और बिहार से 6 लोकसभा सीटें जीती.