Ahoi Ashtami: अहोई अष्टमी का क्या है महत्व? कैसे करें अहोई अष्टमी का व्रत? जानिए श्रीगुरु पवन सिन्हा से
ABP News Bureau | 20 Oct 2019 07:54 AM (IST)
अहोई अष्टमी का क्या है महत्व? कैसे करें अहोई अष्टमी का व्रत? अहोई अष्टमी पर व्रत से संतान को कैसे होगा लाभ? अहोई अष्टमी पर क्या ना करें?
-अहोई अष्टमी बहुत महत्वपूर्ण व्रत है. संतान की भलाई के लिए व्रत किया जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत भी बहुत कठोर होता है. भाग्यशाली लोगों को ही संतान का सुख मिलता है. प्रभु हर एक से कुछ विशेष कार्य कराना चाहते हैं. परेशानियों से निपटने के लिए मनुष्य ईश्वर से मदद मांगता है. कभी-कभी संतान का सुख नहीं मिलता. अहोई अष्टमी का पर्व संतान के लिए विशेष है. संतान फिक्र नहीं करती तो उपाय करें. शुक्लपक्ष, कृष्णपक्ष वाली अष्टमी के दिन किन्नर को दान करें. भोजन और धन दान में दें. किन्नर की दुआओं का असर देखने को मिलेगा. संतान से आपके रिश्ते बेहतर होंगे.
-अहोई अष्टमी बहुत महत्वपूर्ण व्रत है. संतान की भलाई के लिए व्रत किया जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत भी बहुत कठोर होता है. भाग्यशाली लोगों को ही संतान का सुख मिलता है. प्रभु हर एक से कुछ विशेष कार्य कराना चाहते हैं. परेशानियों से निपटने के लिए मनुष्य ईश्वर से मदद मांगता है. कभी-कभी संतान का सुख नहीं मिलता. अहोई अष्टमी का पर्व संतान के लिए विशेष है. संतान फिक्र नहीं करती तो उपाय करें. शुक्लपक्ष, कृष्णपक्ष वाली अष्टमी के दिन किन्नर को दान करें. भोजन और धन दान में दें. किन्नर की दुआओं का असर देखने को मिलेगा. संतान से आपके रिश्ते बेहतर होंगे.