केंद्र सरकार ने बुधवार (03 सितंबर) रात आम आदमी को बड़ी राहत दी. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में GST दरों में बड़े बदलाव का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि 12 पर्सेंट जीएसटी स्लैब वाली 99 पर्सेंट चीजों को 5 पर्सेंट टैक्स स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया. वहीं, 28 पर्सेंट जीएसटी स्लैब वाली 90 पर्सेंट चीजें 18 पर्सेंट जीएसटी स्लैब में शिफ्ट की गई हैं. इसके अलावा तमाम चीजों पर जीएसटी जीरो पर्सेंट कर दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस कदम से बाजार में पहले से मौजूद सामान भी सस्ता होगा? 

वित्त मंत्री ने दी यह जानकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि GST काउंसिल ने टैक्स स्लैब को सरल बनाने का फैसला लिया है. 12% और 28% स्लैब को खत्म कर दिया गया है. इन्हें 5% और 18% स्लैब में मर्ज कर दिया गया है. इसके अलावा, लग्जरी और सिन गुड्स के लिए नया 40% स्लैब लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि यह ‘GST 2.0’ का हिस्सा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन के वादे के अनुरूप है. हमारा लक्ष्य आम आदमी, मध्यम वर्ग और MSME को राहत देना है. यह कदम महंगाई को कंट्रोल करने और उपभोग को बढ़ाने में मदद करेगा. 

क्या पुराना स्टॉक होगा सस्ता?

उपभोक्ताओं के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दुकानों में पहले से मौजूद सामान, जिस पर पुरानी GST दरों के हिसाब से टैक्स लगाया गया था, क्या अब सस्ता हो जाएगा? इस सवाल का जवाब वित्त मंत्री ने देते हुए कहा कि GST कटौती का लाभ तुरंत लागू होगा और कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे नई दरों के हिसाब से कीमतें अपडेट करें. हालांकि, पहले से मौजूद स्टॉक के लिए कुछ शर्तें हैं.

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का समायोजन: दुकानदार और निर्माता पुराने स्टॉक पर पहले से चुकाए गए टैक्स का ITC क्लेम कर सकते हैं. इससे उन्हें नई दरों पर सामान बेचने में आसानी होगी. सीतारमण ने कहा कि GST पोर्टल पर प्री-फिल्ड रिटर्न्स और तेज रिफंड प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि कारोबारी नई दरों को जल्दी लागू करें.
  • कंपनियों की जिम्मेदारी: FMCG कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे नई दरों के हिसाब से MRP अपडेट करें. अगर कोई कंपनी पुराने MRP पर सामान बेचती है तो यह प्रॉफिटियरिंग माना जाएगा और इसके खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट या कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) कार्रवाई करेगा.
  • पुराने स्टॉक का समय: बाजार में पुराना स्टॉक खत्म होने में 2-4 हफ्ते लग सकते हैं. इस दौरान कुछ दुकानदार पुरानी कीमतों पर सामान बेच सकते हैं, लेकिन उपभोक्ता बिल में GST की नई दर चेक कर सकते हैं. अगर दुकानदार नई दर लागू नहीं करता तो शिकायत दर्ज की जा सकती है. वित्त मंत्री ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे बिल मांगें और GST दरों की जांच करें. उन्होंने कहा, 'हमारी कोशिश है कि टैक्स कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचे. CCI और टैक्स डिपार्टमेंट इसकी मॉनिटरिंग करेंगे.'

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