भारत में एक लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम को दोबारा से शुरू करने को लेकर काफी मांग उठ रही है. साल 2004 में ओल्ड पेंशन स्कीम बंद कर दी गई थी उसके बाद सरकार ने नई पेंशन स्कीम चालू की थी. देश में कई नेताओं द्वारा  राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही है. पंजाब और  हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में यह ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से लागू भी की जा चुकी है. लेकिन क्या है माजरा क्यों पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा से बहाल करने की मांग की जा रही है. इससे आम आदमी को क्या फायदा होगा. आइए जानते हैं. 


क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम में?


ओल्ड पेंशन स्कीम की बात करें तो इसमें कर्मचारियों को उसकी नौकरी के आखिरी सैलरी का 50 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता था. मतलब की किसी की अगर 1 लाख बैसिक सैलरी थी. तो रिटायरमेंट के वक्त उसे ₹50000 पेंशन के दिए जाते थे. इसके लिए कोई कटौती भी नहीं की जाती थी. और महंगाई के साथ हर 6 महीने 1 साल में महंगाई भत्ता भी जुड़ जाया करता था. यानी की सरकार जैसे महंगाई पर महंगाई भत्ता बढ़ती है. हर साल उसका असर वर्तमान में कार्य कर रहे कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ता है. उसी प्रकार से पेंशन भोगियों की पेंशन पर भी इसका असर पड़ता था. लेकिन साल 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस पेंशन व्यवस्था को बंद कर दिया था. 


नई पेंशन स्कीम में क्या है? 


साल 2004 के बाद जो लागू हुई नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से और डीए से 10% हिस्सा कटता है. और इस व्यवस्था में महंगाई के साथ महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रावधान नहीं दिया गया है. साथ ही रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलेगी इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है. अगर आप ज्यादा पेंशन पाना चाहते हैं तो रिटायरमेंट के बाद आपको 40 फीस दी एनपीएस का हिस्सा अनन्युटी में एन्युटी में इन्वेस्ट करना होगा.


पुरानी पेंशन से फायदा


अगर दोनों पेंशन स्कीमों को आम आदमी की नजर से देखा जाए. तो पुरानी पेंशन स्कीम से फायदे जरूर नजर आते हैं. पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक फिक्स अमाउंट तय हो जाता है. इसके साथ ही ग्रेच्युटी और महंगाई भत्ता भी साल में दो बार बढ़ता है. तो वहीं इसके साथ ही सैलरी से और कोई पैसा नहीं कटता. वहीं नई पेंशन स्कीम की बात की जाए तो उसमें भविष्य को लेकर सुरक्षा नहीं दिखाई देती और साथ ही महंगाई बढ़ने पर महंगाई भत्ते का भी प्रावधान नहीं है. जिससे यकीनन आम आदमी के लिए मुश्किल जरूर होगी. इसीलिए पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग लगातार उठ रही है. 


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