सोशल मीडिया पर रील बनाने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन अगर आपने रेलवे ट्रैक या स्टेशन परिसर में रील बनाई तो अब ये शौक महंगा पड़ सकता है. रेलवे ने इस पर सख्ती बरतते हुए साफ कर दिया है कि बिना अनुमति वीडियो या फोटोग्राफी करना भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है. पकड़े जाने पर हजारों रुपये का जुर्माना और जेल दोनों हो सकते हैं.
रेलवे की सख्त कार्रवाई
रेलवे अधिकारियों के अनुसार हाल के दिनों में युवाओं में ट्रैक और स्टेशन पर रील बनाने का ट्रेंड बढ़ा है. इससे न केवल उनकी जान जोखिम में पड़ती है. बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे वीडियो बनाने वाले लोग खुद को और दूसरों को खतरे में डालते हैं. कई बार तेज रफ्तार ट्रेन से टकराने की घटनाएं भी सामने आ चुकी है.
कितना हो सकता है जुर्माना?
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति ट्रैक या स्टेशन परिसर में रील बनाते हुए पकड़ा गया तो उसे पर 1,000 रुपये से लेकर 5000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं दोषी को तीन से 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है. साथ ही रेलवे प्रशासन एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार भी कर सकता है.
कहां पूरी तरह बैन है रील बनाना?
रेलवे मैनुअल के अनुसार रेलवे ट्रैक, प्लेटफार्म और ट्रेन में बिना अनुमति वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पूरी तरह बैन है. इसके अलावा बिना लिखित अनुमति ऐतिहासिक धरोहरों, सरकारी इमारतों और संवेदनशील इलाकों में भी शूटिंग नहीं की जा सकती. वहीं कमर्शियल शूटिंग के लिए रेलवे बोर्ड या संबंधित जोन के सीपीआरओ से लिखित अनुमति और फीस अनिवार्य होती है.
बिना अनुमति शूटिंग पर क्या मिलती है सजा ?
रेलवे एक्ट 1989 के तहत किसी भी रेलवे ट्रैक या रेलवे स्टेशन पर बिना अनुमति शूटिंग करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है. आईटी एक्ट 2000 की धारा 66E के अनुसार किसी की वीडियो या फोटो बिना अनुमति रिकॉर्ड करने पर 3 साल तक की कैद या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर कोई अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट रिकॉर्ड कर रहा है तो आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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