हाल ही में नेपाल में हुए तख्तापलट ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. करीब दो दिन से आग में धधकने के बाद नेपाल में तख्तापलट हो गया. Gen Z के आक्रोश ने पूरे नेपाल की लोकतांत्रिक व्यवस्था को घुटनों पर ला दिया. इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कम से कम 22 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की खबर है. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और मंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया. भारी बवाल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. हालांकि नेपाल से पहले दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो तख्तापलट का दंश झेल चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में सबसे पहला तख्तापलट कब और कहां हुआ था? तख्तापलट का इतिहास क्या है चलिए जानते हैं. इस देश में हुआ था पहला तख्तापलट
दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे पहला तख्तापलट अफ्रीकी देशों में हुए. अफ्रीका में पहला तख्तापलट 13 जनवरी 1963 को टोगो में हुआ जब राष्ट्रपति सिल्वानस ओलंपियो को असंतुष्ट सैनिकों ने गोली मार दी. इस घटना को अफ्रीका में पहला तख्तापलट माना जाता है, क्योंकि यह स्वतंत्रता के बाद सत्ता के असंवैधानिक हस्तांतरण का पहला स्पष्ट उदाहरण था. अफ्रीका के सूडान, बुर्किना फासो और नाइजीरिया जैसे देशों में कई बार सत्ता का उलटफेर हुआ है. भारत के पड़ोसी देशों में तख्तापलट भारत के पड़ोसी देशों में तख्तापलट की घटनाएं बार-बार देखी गई हैं. पाकिस्तान में 1958, 1977 और 1999 में सैन्य तख्तापलट हुए. 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ की सरकार को उखाड़ फेंका. श्रीलंका में 2022 में आर्थिक संकट के कारण जनता का आक्रोश सरकार के खिलाफ उलटफेर का कारण बना बांग्लादेश में भी भी कई बार तख्तापलट की घटनाएं हुई और अब इस सूची में नेपाल भी शामिल हो गया है.
तख्तापलट के कारण तख्तापलट के पीछे राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार और सैन्य महत्वाकांक्षा जैसे कारण होते हैं. कमजोर लोकतांत्रिक संस्थाएं और सत्ता का केंद्रीकरण भी तख्तापलट को बढ़ावा देते हैं.
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