नौकरी खत्म होने के बाद कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है रिटायरमेंट की प्लानिंग और पेंशन. भारत में अभी इसके लिए NPS और UPS दो ऑप्शन है. देश में इसी साल 1 अप्रैल 2025 को यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS लागू हुई है. अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने UPS से जुड़े नियम में बदलाव कर दिया है.

अब अगर किसी कर्मचारी की 20 साल की नियमित नौकरी पूरी हो जाती है. तो उसे पूरी पेंशन का अधिकार मिलेगा. कर्मचारियों की तरफ से पुरानी लिमिट को घटाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी. जिसमें अब बदलाव हो गया है. इस बदलाव से लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा. चलिए आपको बताते हैं किन कर्मचारियों को मिलेगा इसका फायदा. .

पहले इतनी साल की थी लिमिट

पहले पेंशन पाने के लिए नियम थोड़ा सख्त था. यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पूरी पेंशन लेने का हक तभी मिलता था जब कोई कर्मचारी 25 साल की नौकरी पूरी कर ले. मतलब अगर किसी ने 24 साल भी काम किया. तो उसे पूरा फायदा नहीं मिलता था. 

इसी वजह से काफी समय से कर्मचारी संगठन ये मांग कर रहे थे कि पेंशन की लिमिट कम की जाए. उनका कहना था कि हर किसी के लिए 25 साल तक लगातार नौकरी करना आसान नहीं होता. अब सरकार ने उनकी बात मान ली है और ये लिमिट घटाकर 20 साल कर दी है. इससे कर्मचारियों को बड़ा राहत मिलेगी.

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इन कर्मचारियों को होगा फायदा 

सरकार के इस फैसले से फायदा सीधे उन सरकारी कर्मचारियों को होगा जो यूनिफाइड पेंशन स्कीम में आते हैं. अब तक पूरी पेंशन पाने के लिए 25 साल की नौकरी जरूरी थी. लेकिन अब 20 साल काम करने के बाद ही पूरा फायदा मिलेगा. इसका सबसे बड़ा असर उन कर्मचारियों पर होगा.

जो किसी वजह से 25 साल की सर्विस पूरी नहीं कर पाते थे. जैसे हेल्थ प्रॉब्लम, पारिवारिक जिम्मेदारी या बीच में रिटायरमेंट लेना. अब उन्हें भी रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन की गारंटी मिल जाएगी. लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए दिवाली से पहले यह बड़ा तोहफा है.

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यह सुविधाएं भी दी जाएंगी 

यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को पेंशन के साथ कुछ और सुविधाएं भी मिलेंगी. अगर नौकरी के दौरान कोई कर्मचारी दिव्यांग हो जाता है. तो उसे पेंशन का लाभ मिलेगा. वहीं अगर सर्विस के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को सुरक्षित पेंशन मिलेगी. 

परिवार चाहे तो CCS Pension Rules या फिर UPS के नियमों में से किसी एक का ऑप्शन चुन सकता है. इसका मतलब है कि रिटायरमेंट के बाद ही नहीं. बल्कि नौकरी के दौरान किसी अनहोनी की स्थिति में भी कर्मचारी और उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी.

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