लोग अक्सर लंबी दूरी के सफर के लिए ट्रेन से जाना पसंद करते हैं. लेकिन कभी-कभी कई रूट ऐसे होते हैं. जहां आप ट्रेन की टिकट बुक करें तो आपको खाली सीटें नहीं मिलती. जब तक आप बुकिंग करते हैं तब तक वेटिंग लिस्ट हो चुकी होती है. कभी कभार तत्काल कोटे से भी बुकिंग करने पर टिकट वेटिंग लिस्ट में मिलती है. भारतीय रेलवे वेटिंग लिस्ट इसलिए जारी करता है ताकि अगर कोई व्यक्ति किसी कारण सफर न कर पाए और अपनी टिकट कैंसिल करवा दे. तो वह सीट खाली न जाए. और वेटिंग लिस्ट के यात्री को अलाॅट कर दी जाए. नॉर्मल और तत्काल  इन दोनों वेटिंग लिस्ट की कौनसी टिकट सबसे पहले कंफर्म  होती है. आइए जानते हैं. 


GNWL टिकट होती है पहले कंफर्म 


जब आप नॉर्मल रिजर्वेशन करते हैं और आपको वेटिंग मिल जाती है तो ऐसे में आपकी वेटिंग के आगे GNWL और संख्या नंबर दिखाई देता है. और अगर आप तत्काल कोटे से टिकट बुक करते हैं और ऐसे में आपको वेटिंग मिलती है तब आपकी टिकट के आगे TQWL और वेटिंग संख्या नंबर लिखा होता है. रेलवे के नियमों के मुताबिक सामान्य रिजर्वेशन से बुक की गई वेटिंग लिस्ट की टिकट को पहले कंफर्म किया जाता है. इसके बाद तत्काल कोटे से की गई वेटिंग टिकट को कंफर्म किया जाता है.  


क्या है इसके पीछे कारण


दरअसल  सामान्य तरीके से जो लोग टिकट बुक करते हैं. और उनकी वेटिंग आ जाती है. वह उसे वेटिंग टिकट पर सफर कर सकते हैं. लेकिन ऑनलाइन तत्काल कोटे में बुक की गई  टिकट अगर वेटिंग में आती है. और चार्ट बनने पर वह कंफर्म नहीं होती. तो ऐसे में वह कैंसिल हो जाती है. यानी आप उस टिकट को लेकर यात्रा नहीं कर सकते. तत्काल टिकट जहां से बुक की जाती है वहीं से उसके कंफर्म होने के चांस होते हैं. लेकिन सामान्य वेटिंग लिस्ट में आने वाली टिकट यात्रा के बीच पढ़ने वाले किसी भी स्टेशन पर जाकर कन्फर्म हो सकती है. 


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