Rule Changes From 1st January:आपसे बस कुछ ही दिनों में साल 2025 अलविदा कहा जाएगा और नए साल की आमद होगी. 1 जनवरी 2026 से सिर्फ लोगों के घरों का कैलेंडर ही नहीं बदलेगा. बल्कि कई ऐसे नियम भी बदलेंगे जिनका असर सीधे आपकी जेब, प्लानिंग और रोजमर्रा के कामों पर पड़ेगा. बैंकिंग से लेकर सरकारी सेवाएं, गाड़ियों की कीमतें, LPG गैस तक. नए साल से यह बदलाव महसूस होंगे. इसके लिए जरूरी है कि समय रहते समझ लें कि क्या बदल रहा है. क्यों बदल रहा है और आपको क्या करना चाहिए. चलिए आपको बता रहे हैं 1 जनवरी 2026 से किन चीजों में कौन-कौन से बदलाव होने जा रहे हैं. 

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LPG और फ्यूल की कीमतें

1 जनवरी को घरेलू और कमर्शियल LPG गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा होगी. दिसंबर में कमर्शियल सिलेंडर 10 रुपये सस्ता हुआ था. इसलिए उम्मीद है कि घरेलू सिलेंडर में भी राहत मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो रसोई का  मंथली बजट थोड़ा हल्का होगा. इसके साथ ही एविएशन फ्यूल की कीमतों में बदलाव  हो सकता है. इसका सीधा असर हवाई टिकट के किराए पर पड़ सकता है. अगर ईंधन महंगा हुआ तो फ्लाइट महंगी होंगी और सस्ता हुआ तो टिकट के दाम घट सकते हैं. 

कार खरीदना होगा महंगा

2026 में कार खरीदने का प्लान है तो खर्च बढ़ने के लिए तैयार रहें. जनवरी से कई ऑटो कंपनियां कीमतें बढ़ाने जा रही हैं. Honda अपनी कारों के दाम 1 से 2 फीसदी तक बढ़ा सकती है. Nissan करीब 3 फीसदी और MG 2 फीसदी तक बढ़ोतरी की तैयारी में है. BYD की Sealion 7 नए साल में महंगी होगी. Mercedes-Benz ने 2 फीसदी इजाफे का संकेत दिया है. जबकि BMW की कारें 3 फीसदी तक महंगी हो सकती हैं. 

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सरकारी कर्मचारियों और मजदूरों के लिए बदलाव

1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू होने की उम्मीद है. क्योंकि 7वां वेतन आयोग 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. इसके साथ ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की संभावना है. इसका मतलब है कि केंद्र और राज्य कर्मचारियों की सैलरी में सीधा फायदा. कुछ राज्य जैसे हरियाणा, पार्ट टाइम और दिहाड़ी मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं. 

आधार पैन और बैंकिंग नियम

पैन और आधार लिंक करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है. अगर यह काम नहीं किया तो जनवरी 2026 से पैन इनएक्टिव हो जाएगा. इसका असर बैंकिंग, निवेश और ITR फाइलिंग सब पर पड़ेगा. इसके अलावा नया ITR फॉर्म आ सकता है. जिसमें पहले से भरी बैंक और खर्च की जानकारी होगी. बैंकिंग नियमों में भी बदलाव होंगे. क्रेडिट स्कोर एजेंसियां अब हर हफ्ते डेटा अपडेट करेंगी. पहले 15 दिन में होता था. यानी लोन और कार्ड से जुड़ा असर जल्दी दिखेगा. 

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