भारत में अभी करीब 33 करोड़ गाड़ी सड़कों पर दौड़ रही हैं. जब भी कोई गाड़ी खरीदता है तो गाड़ी की कीमत के साथ ही रोड टैक्स देना होता है जो सीधे राज्य सरकार के खाते में जाता है. यह टैक्स गाड़ियों के साइज और उनकी प्राइस पर तय किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप मोटरसाइकिल खरीदने जाते हैं तो आपको इसके लिए कितना रोड टैक्स देना होता है. समझते हैं शुरू से पूरा गणित.



जब भी आप बाइक, कार या फिर कोई और गाड़ी खरीदने हैं तो आपको उस गाड़ी के दो प्राइस बताए जाते हैं, एक होता है एक्स शोरूम प्राइस और दूसरा है ऑन रोड प्राइस. अब समझते हैं कि इन दोनों में क्या फर्क होता है.


दरअसल, एक्स शोरूम प्राइस गाड़ी का वो मूल्य होता है जो कि रिटेल में होता है, यानी अगर आप गाड़ी को एक्स शोरूम रेट पर खरीदते हैं तो आपको बीमा, रजिस्ट्रेशन और एसेसरीज खुद करवानी पड़ेगी. ऑन रोड प्राइस वह प्राइस होता है जो कि जिसमें आपको गाड़ी रजिस्ट्रेशन, बीमा और एसेसरीज के साथ मिलता है.


अब बात आती है रोड टैक्स की, कि आखिर यह चुकाया कैसे जाता है और कटता कैसे है. रोड टैक्स जब गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है तो इसमें से कुछ प्रतिशत पैसा राज्य सरकार के खाते में जाता है. यह गाड़ी के मूल्य पर निर्भर करता है.


इतना देना होता है टैक्स


अगर गाड़ी की कीमत 10 से 20 लाख के बीच है तो आपको गाड़ी की एक्स शोरूम कीमत का 9 फीसदी पैसा टैक्स के रूप में चुकाना होगा. इसके अलावा अगर गाड़ी की कीमत 6 से लेकर 10 लाख रुपये तक है तो गाड़ी की एक्स शोरूम कीमत का 6 फीसदी पैसा आपको रोड टैक्स के रूप में चुकाना होगा. इसके अलावा अगर गाड़ी की वैल्यू 6 लाख से कम है तो आपको इसके लिए एक्स शोरूम कीमत का 3 फीसदी पैसा टैक्स के रूप में देना होगा.


ऐसे समझें


अगर मोटरसाइकिल की एक्स शोरूम कीमत 72 हजार रुपये है तो आपको इसका 3 प्रतिशत देना होगा, यानी आपको 72 हजार एक्स शोरूम प्राइस के 2160 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह अगर गाड़ी का एक्स शोरूम प्राइस 6 लाख 50 हजार है तो आपको इसके लिए 39 हजार रुपये रोड टैक्स के लिए चुकाने होंगे.


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