PM Kisan Yojana Eligibility: देश में करोड़ों लोग खेती से अपनी रोजी कमाते हैं. यहां बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी हैं जो छोटे पैमाने पर खेती करते हैं या फिर दूसरों की जमीन पर मजदूरी करके खेत चलाते हैं. इनकम सीमित होने की वजह से इन परिवारों को अक्सर आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे ही गरीब और सीमांत किसानों की मदद के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चला रही है.
इस योजना के तहत पात्र किसानों को साल में तीन किस्तों में कुल 6000 रुपये की सहायता दी जाती है. अब तक 21 किस्तें भेजी जा चुकी हैं और 21वीं किस्त 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी की ओर से जारी की गई. लेकिन एक बड़ा सवाल हर बार सामने आता है कि क्या दूसरों की जमीन पर खेती करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं क्या कहते हैं नियम.
दूसरों की जमीन पर खेती करने वालों के लिए नियम
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में दूसरों की जमीन पर खेती करने वालों को लेकर नियम साफ हैं. अगर कोई किसान बटाई पर खेती करता है और जमीन उसके नाम नहीं है. तो वह इस योजना का लाभ नहीं पा सकता. सरकार की पूरी प्रोसेस रिकॉर्ड पर आधारित है और पात्रता जमीन के मलिकाना हक से तय होती है. कई लोग मान लेते हैं कि खेत में काम करने से वे लाभ के हकदार बन जाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.
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इस योजना के लिए जरूरी है किसान जिस जमीन पर खेती हो रही है. वह राजस्व रिकॉर्ड में किसान के नाम दर्ज हो. लेकिन अगर कोई बटाईदार अपनी थोड़ी सी भी जमीन का मालिक है. तो वह अपनी जमीन के आधार पर योजना में शामिल हो सकता है. कुल मिलाकर कहें तो अगर किसी किसान के नाम पर खेती के लिए कोई जमीन नहीं है तो उसे योजना में लाभ नहीं मिलेगा .
इन किसानों को मिलता हैं लाभ
इस योजना का लाभ उन सभी किसानों को मिलता है जिनके नाम पर खेती के लायक जमीन दर्ज हो. चाहे जमीन का साइज कितना भी छोटा क्यों न हो. सीमांत किसान, छोटे किसान, बुजुर्ग किसान, या वह लोग जिनके परिवार की इनकम सिर्फ खेती पर आधारित है, सभी इस योजना के दायरे में आते हैं.
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जमीन सरकारी रिकॉर्ड में आपके नाम होनी चाहिए और बैंक खाते की जानकारी आधार से जुड़ी होनी चाहिए. इसके अलावा किसानों को ईकेवाईसी और भूमि सत्यापन की प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है. जिनके नाम पर भूमि है लेकिन उन्होंने रिकॉर्ड अपडेट नहीं कराया है. उन्हें इस प्रक्रिया में दिक्कतें आती हैं.
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