Passport Verification Rules: पासपोर्ट सभी देशों में एक बेहद है दस्तावेज होता है. पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में सबसे अहम कदम होता है पुलिस वैरिफिकेशन. कई बार इस काम में देरी के चलते पासपोर्ट जारी होने में हफ्तों लग जाते हैं. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि पुलिस को पासपोर्ट वैरिफिकेशन की प्रोसेस को एक तय वक्त में पूरा करने का निर्देश दिया है.

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कोर्ट ने कहा कि यह एक प्रशासनिक जिम्मेदारी है और इसमें गैर जरूरी देरी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नागरिकों का विदेश यात्रा का अधिकार इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए. इसलिए अब पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि पासपोर्ट आवेदनों से जुड़ी सारी जांच समय पर पूरी की जाए. जिससे आम लोगों को अनावश्यक परेशानी न झेलनी पड़े. अगर ऐसा नहीं होता है तो आप कर सकते हैं शिकायत. जान लें तरीका.

चार हफ्तों में पूरी करनी होगी प्रोसेस

पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस को पासपोर्ट से जुड़ी जांच रिपोर्ट ज्यादा से ज्यादा चार हफ्तों के भीतर तैयार करनी चाहिए. कोर्ट ने साफ कहा कि किसी भी तरह की देरी तभी स्वीकार होगी जब कोई खास परिस्थिति हो. आमतौर पर पासपोर्ट आवेदन 30 दिन में जारी किया जाता है.

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जबकि रीइश्यू के मामले में 7 दिन का वक्त तय है. लेकिन यह समय सीमा पुलिस वैरिफिकेशन को शामिल नहीं करती. कोर्ट ने माना कि इसी कारण पासपोर्ट जारी करने में गैर जरूरी देरी होती है. इसलिए पुलिस विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदन से जुड़ी सभी फाइलें तय समयसीमा के भीतर जांची और भेजी जाएं.

कहां कर सकते हैं शिकायत?

अगर किसी व्यक्ति का पासपोर्ट आवेदन लंबे समय तक लंबित रहता है. तो उसे पहले अपनी रिपोर्ट का कारण जानने के लिए संबंधित पासपोर्ट ऑफिस में लिखित शिकायत करनी चाहिए. अगर पता चलता है कि मामला पुलिस वैरिफिकेशन में अटका है. तो आवेदक स्थानीय पुलिस अधीक्षक या क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से संपर्क कर सकता है.

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कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर किसी एप्लीकेंट पर आपराधिक मामला लंबित है. तो उसे पहले कोर्ट से  नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या फिर स्पेशल परमिशन लेनी होगी. पासपोर्ट ऑफिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि जरूरी दस्तावेज मिलने के बाद आवेदन को एक महीने के भीतर निपटाया जाए. 

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