अब जब भी आप अपने मोबाइल से किसी को UPI के जरिए पैसा भेजेंगे, तो ट्रांजैक्शन पूरा होते ही आपके बैंक खाते में बची हुई राशि स्क्रीन पर झलक उठेगी. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने डिजिटल लेन-देन को पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए यह नया नियम लागू किया है, जो 1 अगस्त से पूरे देश में प्रभाव में आ जाएगा. अब तक, जब भी कोई उपभोक्ता UPI पेमेंट करता था, तो ट्रांजैक्शन की पुष्टि तो मिलती थी, लेकिन उसके खाते में बचा बैलेंस तुरंत नहीं दिखता था. इससे कई बार लोगों को अंदाजा नहीं रहता कि खाते में कितना पैसा बचा है और बेवजह की ट्रांजैक्शन या फेलियर की दिक्कतें सामने आती थीं.
अब हर ट्रांजेक्शन के बाद स्क्रिन पर दिखेगा अकाउंट बैलेंस
NPCI ने इस जरूरत को समझते हुए UPI में एक नया अपडेट जोड़ा है. इसके तहत अब लेन-देन के बाद यूजर के स्क्रीन पर न सिर्फ 'पेमेंट सक्सेसफुल' का मैसेज आएगा, बल्कि साथ ही यह भी दिखेगा कि ट्रांजैक्शन के बाद बैंक बैलेंस कितना बचा है. एक अहम बात यह है कि बैलेंस जांचने की संख्या को लेकर भी सीमा तय की गई है. उपभोक्ता एक दिन में केवल 50 बार अपने खाते का बैलेंस चेक कर सकेंगे. इससे सिस्टम पर जरूरत से ज्यादा लोड नहीं पड़ेगा और सर्वर भी स्थिर बना रहेगा. इसके अलावा जिन सेवाओं से बड़ी संख्या में लेन-देन होते हैं जैसे कि Amazon Pay, PhonePe, Paytm, CRED, Google Pay, और BHIM इन सभी के लिए यह नियम लागू होगा. NPCI ने कुल 10 UPI ऐप्स को इस व्यवस्था के तहत शामिल किया है.
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NPCI ने यह भी किया बदलाव
बदलाव का असर सिर्फ आम ट्रांजैक्शन तक सीमित नहीं रहेगा. ऑटोमेटेड पेमेंट जैसे मेडिकल स्टोर, ट्रांसपोर्ट टिकटिंग और फास्ट टैग आदि को भी इस नयी प्रणाली के तहत बैलेंस डिस्प्ले का अनुभव मिलेगा. हालांकि कुछ मामलों में बैलेंस की जानकारी थोड़ी देर से आ सकती है. इसी तरह, जब ट्रैफिक बहुत ज़्यादा होगा. जैसे सैलरी के दिन या त्योहारों के मौके तब भी बैलेंस दिखाने की सेवा कुछ देर से मिल सकती है या सीमित हो सकती है. लेकिन कुल मिलाकर अब UPI ट्रांजैक्शन और भी सहज, पारदर्शी और यूजर के अनुकूल हो जाएगा.
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