त्योहारों के सीजन जैसे दशहरा, दीपावली और छठ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ जमा हो जाती है. खासकर अनरिजर्वड टिकट काउंटरों पर लोगों को लंबी कतारों में लगना पड़ता है. ऐसे में उत्तर रेलवे ने एक नई पहल की है, जो यात्रियों के लिए राहत की बड़ी खबर बनकर आई है. अब यात्रियों को टिकट लेने के लिए काउंटर पर दौड़ने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि टिकट खुद उनके पास चले आएगा. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की एक नई योजना के तहत अब रेलकर्मी स्टेशन के प्लेटफार्म पर घूम-घूमकर टिकट बेचेंगे, बिल्कुल वैसे जैसे फेरीवाले सामान बेचते हैं. इस नई व्यवस्था को एम-यूटीएस नाम दिया गया है. यह सिस्टम त्योहारों के दौरान भीड़ को कंट्रोल करने और यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के मकसद से शुरू किया जा रहा है. तो चलिए जानते हैं कि रेलवे का नया टिकटिंग सिस्टम क्या है.
रेलवे का नया टिकटिंग सिस्टम क्या है?
रेलवे का नया टिकटिंग सिस्टम एम-यूटीएस एक मोबाइल टिकटिंग मशीन है, जो बिल्कुल रोडवेज बसों में टिकट काटने वाली मशीन जैसी होती है. यह मशीन हल्की होती है और इसमें किसी तार की जरूरत नहीं होती है. मतलब रेलकर्मी इसे लेकर प्लेटफॉर्म पर घूम सकते हैं और वहीं खड़े-खड़े यात्रियों के लिए टिकट बना सकते हैं. यात्री इस मशीन से टिकट ले सकेंगे. यह खासतौर पर उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा, जो तुरंत यात्रा करना चाहते हैं और काउंटर की भीड़ से बचना चाहते हैं.
कहां-कहां मिलेगी सुविधा?
रेलवे ने एम-यूटीएस को पहले चरण में चार प्रमुख स्टेशनों पर लागू करने का फैसला किया है. जिसमें चारबाग रेलवे स्टेशन, अयोध्या रेलवे स्टेशन, वाराणसी रेलवे स्टेशन और प्रयागराज जंक्शन शामिल हैं. इन स्टेशनों पर रेलकर्मी प्लेटफॉर्म पर घूम-घूम कर यात्रियों को टिकट देंगे, इसके लिए चारबाग, अयोध्या और वाराणसी में 10-10 एम-यूटीएस मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी. वहीं प्रयागराज जंक्शन पर 5 मशीनें दी जाएंगी. यानी कुल मिलाकर 35 मशीनों से शुरुआत होगी.
इस तरह टिकट लेने के लिए यूनिफॉर्म में मौजूद रेलकर्मी आपके पास आएंगे. उनके हाथ में एम-यूटीएस मशीन होगी. आप उन्हें डेस्टिनेशन बताएंगे और वह मशीन से टिकट प्रिंट करके दे देंगे. साथ ही पेमेंट के लिए नकद और UPI दोनों ऑप्शन होंगे.
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