New Labour Laws:  हाल ही में देश में 4 नए लेबर लाॅ लागू किए गए हैं. जिनमें एक नियम नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाली फुल एंड फाइनल सेटलमेंट को लेकर भी है. पहले नौकरी छोड़ने के बाद सैलरी और बाकी बकाया रकम पाने में पहले कई हफ्ते लग जाते थे. कई बार कंपनियां क्लियरेंस की आड़ में पैमेंट रोकती थीं और कर्मचारी महीनों इंतजार करता रहता था. सरकार ने इस परेशानी को खत्म करने के लिए लेबर कोड में बड़ा बदलाव जोड़ा है. 

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अब अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ता है, रिलीव होता है या उसे हटाया जाता है. तो कंपनी को 48 घंटे के भीतर पूरा भुगतान करना होगा. इसमें सैलरी, लीव एनकैशमेंट, बोनस और बाकी बकाया रकम शामिल होगी. नया सिस्टम उन लोगों के लिए ज्यादा अच्छ है जो नई नौकरी से पहले पैसों पर निर्भर रहते हैं. जान लीजिए कितना होगा फायदा

नए नियम से तुरंत मिलेगा पूरा भुगतान

नए लेबल लाॅ के बाद से कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा.इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि 48 घंटे के अंदर कर्मचारी को आखिरी महीने की सैलरी और सभी बकाया रकम मिल जाएगी. पहले जहां कंपनियां क्लियरेंस, पेपरवर्क, या इंटरनल अप्रूवल में देरी करती थीं, अब उन्हें तय समय में भुगतान करना होगा. 

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इसका मतलब यह है कि नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को ट्रांजिशन के दौरान आर्थिक दिक्कत नहीं होगी. लीव एनकैशमेंट और बकाया इंसेंटिव भी इसी समय में क्लियर हो जाएंगे. जिन कर्मचारियों को अचानक नौकरी से हटाया जाता है, उनके लिए यह नियम एक तरह की सेफ्टी बनकर आता है. उन्हें तत्काल पैसा मिल जाने से घर-खर्च और EMI जैसी जिम्मेदारियों का दबाव कम होगा. 

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PF, ग्रेच्युटी और बाकी रकम कैसे मिलेंगी?

नए नियम में यह साफ कहा गया है कि PF, ग्रेच्युटी और सेटलमेंट बेनिफिट्स की प्रक्रिया भी पहले से तेज और पारदर्शी होगी. कंपनियों को अब PF ट्रांसफर और ग्रेच्युटी पेमेंट को प्राथमिकता देनी होगी. जिससे कर्मचारी बिना इंतजार के अपने पैसे का उपयोग कर सके. पहले PF ट्रांसफर में कई हफ्ते लग जाते थे. अब डिजिटल प्रक्रिया इसे काफी कम समय में पूरा करेगी. रिटायरमेंट या लंबे समय की सर्विस वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी तय समय में मिलेगी. जिससे उनकी सेविंग और प्लानिंग पर अच्छा असर पड़ेगा. इस नियम का मकसद यह है कि किसी भी कर्मचारी का पैसा कंपनी के पास अटका न रहे. 

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