उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग अब आरसीसी सड़क निर्माण के लिए आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर एक नई तकनीक पर काम कर रहा है. इसमें सड़क मौके पर न बनाकर रेडीमेड सीमेंट और कंक्रीट के ब्लॉक कहीं और बनाकर सीधे लाकर फिट कर दिए जाएंगे. इससे थोड़ी लागत बढ़ेगी लेकिन समय बचेगा साथ ही सड़क की मजबूती भी सामान्य सड़क के मुकाबले कई गुणा बढ़ जाएगी. यही नहीं इस तरह सड़क बनाने से ट्रैफिक भी नहीं रोकना पड़ेगा, जबकि पहले कई दिन तक पूरी तरह ट्रैफिक बंद रखा जाता था.

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पीडब्लूडी के विभागाध्यक्ष ए. के. द्विवेदी ने बताया कि इसको लेकर एक कार्यशाला 29 नवम्बर को बुलाई गयी है. जिसमे विभाग के इंजीनियर और IIT कानपूर के एक्सपर्ट्स शामिल होंगे. और दोनों तरफ से इसको लेकर विचार विमर्श होगा.

35 से 40 साल तक सड़क मजबूत रहेगी

ए.के. द्विवेदी ने बताया कि पहले जो सड़क सामान्य तरीके से बनती थी वो 15 से 20 साल भी सही से नहीं टिक पाती थी. इस तरह के ब्लॉक से अबनी सड़क 35 से 40 साल तक टिकाऊ रहेगी. विदेशों में यह तकनीक बहुत प्रचलित है.

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इसमें ब्लॉक कहीं और बनाए जाएंगे और उसके बाद उन्हें आपस में जोड़ दिया जाएगा. चूंकि इस दौरान जो गैप आएगा उसे भरने में थोड़ा खर्चा ज्यादा होगा. इसके साथ ही सीमेंट की जाघ कोई और मिश्रण भी इस्तेमाल मजबूती के लिए किया जाएगा, इसका अभी मंथन वर्कशॉप में होगा.

ट्रैफिक पर नहीं रहेगा असर

पूर्व में सड़क निर्माण के दौरान पूरी तरह ब्लॉक लेना पड़ता था. लेकिन अब ब्लॉक कहीं और बनेंगे तो ट्रैफिक चलते रहने दिया जाएगा. यही नहीं सड़क पड़ने के साथ ट्रैफिक शुरू हो जाएगा. उसकी मजबूती पर कोई असर नहीं होगा. इसे पहले प्रयोग की तौर पर शुरू किया जाएगा उसके बाद इस पर पूरी तरह अमल होगा.

पहले चरण में 21 शहरों का चयन

विभाग ने इस तकनीक से सड़क बनाने के लिए अलग-अलग 21 शहरों का चयन कर लिया है. इन शहरों में ब्लॉक रोड तकनीक को अपनाया जाएगा. इससे शहरवासियों को काफी लाभ मिलेगा. इसके साथ ही विभाग की मानें तो इस तरह से सड़क निर्माण पर्यावरण के लिए भी बेहद फायदेमंद है. क्यूंकि काबन उत्सर्जन कम होगा.