Cloudburst Compensation: साल 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने से भीषण तबाही मचाई थी. इस प्राकृतिक आपदा के चलते उत्तराखंड में कुल 6054 लोगों की मौत हुई थी. लाखों लोग इस आपदा के चलते प्रभावित हुए थे. कई शहर कई गांव उजड़ गए थे. बादल फटने के बाद की स्थिति भी काफी बदतर थी. लोगों को खाने पीने की चीजों के लिए तरसना पड़ा था.


इस त्रासदी में पीडितों को सरकार की ओर से मुआवजे दिए गए थे. उत्तराखंड सरकार ने मृत लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. भारत में फिलहाल बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदा में मिलने वाले मुआवजे के लिए क्या नियम है. कितनी राशि निर्धारित की गई है. और क्या है इसके लिए सरकार का प्रावधान. चलिए जानते हैं. 


मृत्यु पर मिलेंगे 10 लाख रुपये और नौकरी


भारत में प्राकृतिक आपदाओं  की दुर्घटनाओं के लिए केन्द्र सरकार ने साल 2022 में लोकसभा में बिल पेश किया था.  जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के शिकार पीड़ितोंं के पुनर्वास और वित्तीय सहायता के बारे में जानकारी दी थी. किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान किस तरह से पीड़ितों को मदद की जाए. और नुकसान होने पर उन्हें किस तरह मुआवजा दिया जाए. इसे लेकर पास किए गए बिल में इस बात जिक्र था कि अगर किसी इंसान की मृत्यु हो गई तो. 


वह कितने मुआवजे का हकदार होगा. दी गई जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार संबधित राज्य सरकार के साथ मिलकर पीड़ित को न सिर्फ आर्थिक मदद देगी. बल्कि उसे अन्य सहायताएं भी दी जाएंगी. बादल फटने, बाढ आने या अन्य किसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते होने वाली मृत्यु पर सरकार की ओर कम से कम 10 रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी. इसके साथ ही परिवार में किसी आश्रित को नौकरी भी दी जाएगी. 


गंभीर रूप से घायलों को पांच लाख


किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान अगर पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो जाता है. तो फिर उसके इलाज का पूरा खर्चा सरकार को उठाना होगा. इसके साथ ही चोट की स्थिति को देखते हुए दो लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता भी की जाएगी. अगर प्राकृतिक आपदा में घर को नुकसान पहुंचता है.


तो फिर उसकी मरम्मत और दोबारा से निर्माण काम करवाने के लिए भी सरकार की ओर से आर्थिक सहायता की जाएगी. अगर खेती की जमीन के नुकसान हुआ है. तो सरकार द्वारा उतनी ही जमीन आसपास के किसी क्षेत्र में खेती के लिए दी जाएगी. 


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