आपने अक्सर सड़कों पर दौड़ती हुई गाड़ियां देखी होगी. कुछ महंगी गाड़ियां कुछ सस्ती गाड़ियां तो कुछ लग्जरी गाड़ियां. इस बीच कभी-कभी आपकी नजरे गाड़ियों के नंबर प्लेट पर भी जाती होगी. कई नंबर प्लेट ऐसी होती है जो आप सोचते हैं यह कैसे हो गया. दरअसल ऐसे नंबर आसानी से नहीं मिलते. लोग महंगी गाड़ियां खरीदने हैं तो वह गाड़ियों के लिए अपनी मनपसंद नंबर भी खरीदते हैं. किस तरह मिलता है मनपसंद नंबर क्या है इसके लिए प्रक्रिया. आइए जानते हैं. 


करना होता है ऑनलाइन आवेदन


सामान्य तौर पर जब कोई गाड़ी लेता है तो परिवहन विभाग उसे कोई रेंडम नंबर अलॉट करता है. जो उस गाड़ी की नंबर प्लेट पर लगता है. लेकिन अगर किसी को अपना मनपसंद नंबर चाहिए. तो फिर इसके लिए परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन देना होता है. वहां बहुत सारे वीआईपी नंबर्स मौजूद होते हैं. इनमें अलग-अलग नंबरों की अलग-अलग कीमत भी तय होती है यानी आप सोचें सभी वीआईपी नंबर एक ही कीमत के होते हैं. तो ऐसा नहीं होता. अलग-अलग नंबर के लिए आपको अलग-अलग कीमत देनी होती है. 


ऐसी स्थिति में होता है ऑक्शन


लोगों के कई सारे फेवरेट नंबर होते हैं. ऐसे में अगर दो लोगों को या फिर दो से अधिक लोगों को कोई एक नंबर पसंद आ जाता है. तो फिर ऐसी स्थिति में उस नंबर का ऑक्शन करवाया जाता है और जो ऑप्शन में सबसे ज्यादा कीमत देता है. उसे वह नंबर अलाॅट कर दिया जाता है. इन नंबरों में कुछ नंबर ऐसे भी होते हैं जिनकी कीमत लाखों में होती है. अगर शुरुआती कीमत की बात की जाए तो इन नंबर्स की कीमत हजार से शुरू होती है. और लाखों तक पहुंच जाती है. 


यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का किसे मिलता है फायदा, सिर्फ इतना होता है प्रीमियम