कई बार नागरिकों की शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचती तो हैं, लेकिन कभी-कभी उनके समाधान में देर या अनदेखी हो जाती है. ऐसी स्थिति में लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है. भारत के संवैधानिक ढांचे में राज्यपाल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे ऐसे मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जहां मुख्यमंत्री कार्यालय से समाधान नहीं मिलता है. चलिए जानें कि कैसे आप उन तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं.

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राज्यपाल संवैधानिक पद पर रहते हुए राज्य सरकार की कार्यवाही की निगरानी करते हैं और नागरिकों की शिकायतों के समाधान में मदद कर सकते हैं. अगर आपका मामला मुख्यमंत्री तक सही तरीके से नहीं पहुंच रहा है या अनदेखा किया जा रहा है, तो आप सीधे राज्यपाल से संपर्क कर सकते हैं.

राज्यपाल से संपर्क करने के क्या हैं तरीके?

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लिखित शिकायत भेजना

सबसे पारंपरिक और प्रभावी तरीका है पत्र के जरिए शिकायत करना. इसमें आप अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, और शिकायत का पूरा विवरण लिखें. साथ ही, अगर आपके पास मामले से जुड़े दस्तावेज हैं, तो उन्हें अटैच जरूर करें.

ईमेल के जरिए 

आज के डिजिटल युग में ईमेल एक तेज और प्रभावी माध्यम है. आप राज्यपाल के कार्यालय का आधिकारिक ईमेल पता प्राप्त करके अपनी विस्तृत शिकायत भेज सकते हैं. यह तरीका भी आपके मामले को रिकॉर्ड में लाने में मदद करता है.

ऑनलाइन शिकायत पोर्टल 

भारत सरकार का प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग DARPG नागरिकों के लिए एक पब्लिक ग्रिवेंस पोर्टल प्रदान करता है. इस पोर्टल पर जाकर आप अपने राज्य का चयन करें और शिकायत दर्ज कर सकते हैं. PG पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने से आपका मामला सरकारी रिकॉर्ड में सुरक्षित हो जाता है और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होती है.

राज्यपाल से शिकायत करने के फायदे

राज्यपाल संवैधानिक रूप से यह सुनिश्चित करते हैं कि राज्य सरकार कानून और नियमों के अनुसार काम करे. यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, तो राज्यपाल को शिकायत भेजना एक असरदार विकल्प हो सकता है. उनके हस्तक्षेप से आपकी शिकायत पर आवश्यक कार्रवाई होने की संभावना बढ़ जाती है.

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