पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत सरकार की एक बचत योजना है, जो सुरक्षित रिटर्न और टैक्स बेनिफिट दोनों देती है. इस स्कीम पर फिलहाल 7.1 फीसदी ब्याज दर मिल रहा है, जो अप्रैल 2020 से अब तक स्थिर है. कोई भी व्यक्ति बैंक या पोस्ट ऑफिस में कम से कम 500 रुपये जमा कर पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है. यह स्कीम लंबे समय में बड़ी बचत करने और टैक्स बचाने का एक बेहतरीन तरीका मानी जाती है. ऐसे में चलिए अब आपको बताते हैं की रेगुलर इनकम के लिए पीपीएफ कैसे यूज कर सकते हैं और कैसे हर महीने टैक्स फ्री 60,000 रुपये कमा सकते हैं. 

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क्या है पीपीएफ?

पीपीएफ एक लंबे समय की बचत योजना है, जिसे खासकर रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा के लिए बनाया गया है. कोई भी व्यक्ति चाहे व नौकरीपेशा हो या खुद का बिजनेस करता हो, इसमें निवेश कर सकता है. पेरेंट्स अपने बच्चों के नाम से भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं. इसमें मिलने वाले ब्याज और निवेश की पूरी राशि टैक्स फ्री होती है. वहीं पीपीएफ अकाउंट की अवधि भी 15 साल होती है. 15 साल पूरे होने के बाद इसे पांच-पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा इसमें न्यूनतम निवेश 500 रुपये प्रति वर्ष से लेकर अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक किया जा सकता है. 

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क्या है पीपीएफ के बेनिफिट?

पीपीएफ में किए गए 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है. वहीं पीपीएफ अकाउंट से आप 5 साल पूरे होने के बाद हर वित्तीय वर्ष में एक बार आंशिक निकासी कर सकते हैं. इसमें खाता खोलने का वर्ष भी शामिल है. इसमें आप जितनी राशि निकाल सकते हैं, वह आपके अकाउंट बैलेंस के 50 फीसदी तक हो सकती है. इसमें आप पिछले चौथे वर्ष के अंत तक या उससे पिछले वर्ष तक की शेष राशि निकाल सकते हैं, जो भी कम हो. वहीं 15 साल पूरे होने पर निवेशक चाहे तो अकाउंट को बढ़ाकर उसमें जमा राशि रख सकते हैं या बिना नया पैसा जोड़ें भी ब्याज कमा कर सकते हैं. 

कैसे मिलेगी हर महीने 60,000 की इनकम?

दरअसल अगर कोई व्यक्ति है, हर वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये का निवेश करता है और यह प्रक्रिया लगातार 15 साल तक जारी रखता है, तो वह पीपीएफ से हर महीने 60,000 रुपये की अच्छी खासी कमाई कर सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्याज का अधिकतम लाभ पाने के लिए हर साल 1 से 5 अप्रैल के बीच में निवेश ज्यादा बेहतर माना जाता है.

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