भारत में अफीम की खेती सरकार की तरफ से दिए गए या जारी किए गए लाइसेंस के बिना नहीं की जा सकती है. सरकार बहुत कम संख्या में किसानों को अफीम की खेती (License for Opium Cultivation) के लिए लाइसेंस प्रदान करती है. अफीम की खेती के लिए सरकार देश की अफीम नीति के तहत लाइसेंस देती है, जिससे सरकार अफीम की खेती करने वाले किसानों पर नजर बनाए रख सके और नियंत्रण कर सके, ताकि कोई भी व्यक्ति इसका दुरुपयोग न कर सके.

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भारत दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है, जहां अफीम गोंद का उत्पादन कानूनी रूप से किया जाता है. अफीम पोस्त (पैपावर सोम्निफेरस) का पौधा अफीम गोंद का मुख्य स्रोत है, जिससे कई महत्वपूर्ण दवाइयां बनाई जाती हैं. अफीम गोंद में कोडीन, मॉर्फिन और थेबेन जैसे कई अल्केलॉइड मिलते हैं, जो दवाइयां बनाने के काम आते हैं.

भारत में अफीम की खेती के लिए लाइसेंस कैसे मिलता है?

  • नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस जारी कर सकती है, लेकिन सिर्फ दवाइयों के उत्पादन के लिए. 
  • अफीम की खेती के लिए लाइसेंस केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की तरफ से दिया जाता है, जिसके तहत आवेदक को कई निर्देशों और कानूनों का पालन करना होता है. 
  • किसी भी किसान को लाइसेंस तभी मिल सकता है, जब किसान ने 2024–25 में जितनी जमीन पर अफीम की खेती के लिए लाइसेंस लिया था, उससे 5 प्रतिशत से ज्यादा पोस्त नहीं बोई हो. इसका मतलब है कि तय सीमा से ज्यादा खेती नहीं होनी चाहिए.
  • जिस भी किसान को अफीम की खेती का लाइसेंस चाहिए, वह NDPS कानून 1985 के तहत किसी भी अदालत में दोषी न पाया गया हो. इसका मतलब है कि किसान का रिकॉर्ड पूरी तरह साफ होना चाहिए.
  • लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसान या व्यक्ति को सरकारी आदेशों का पालन करना जरूरी है. 
  • अफीम की खेती के लिए लाइसेंस 0.05 हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाता है, लेकिन सरकार जितनी जमीन तय करेगी, उतनी ही जमीन पर खेती का लाइसेंस मिलेगा.
  • सरकार की तरफ से जारी किया गया लाइसेंस 5 साल तक के लिए मान्य होगा, लेकिन उसी किसान को मिलेगा, जिसकी पहले किसी भी नियम तोड़ने से जुड़ी कोई शिकायत नहीं आई होगी. यह लाइसेंस 2025–26 से 2029–30 तक मान्य होगा.
  • भारतीय वित्त मंत्रालय समय समय पर अफीम की खेती के लिए नीति जारी करता है और इसके लिए सरकारी आवेदन भी निकालता है. कोई भी किसान आवेदन करके वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग से अफीम की खेती का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है. अफीम की खेती केवल सरकार की अनुमति से ही की जा सकती है. बिना लाइसेंस इसकी खेती करना गैरकानूनी है और इस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

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