मानसून की रफ्तार जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में आते जा रहे हैं. मौजूदा समय को देखें तो असम समेत पूर्वोत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों बाढ़ की चपेट में और कई हेक्टेयर खेती को नुकसान हुआ है. बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है, जिससे आम लोगों को बड़ा झटका लगा है.
सिर्फ पूर्वोत्तर भारत ही नहीं भारी बारिश के समय यूपी, बिहार समेत कई राज्यों का यही हाल होता है. कई बार तो बाढ़ में लोगों का पूरा घर ही तबाह हो जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगर बाढ़ या बारिश में घर, दुकान या खेती को नुकसान पहुंचा है तो उसका मुआवजा कैसे मिलता है, इसका नियम क्या है?
सरकार करती है नुकसान का आकलन
जब किसी राज्य में भारी बारिश या प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होता है तो इस नुकसान का आकलन करने की जिम्मेदारी वहां के स्थानीय प्रशासन की होती है. जब नुकसान बहुत ही व्यापक होता है तो राज्य सरकार की ओर से खुद ही मुआवजे का ऐलान किया जाता है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन के अधिकारी नुकसान का आकलन करते हैं और एक सर्वे रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजते हैं, जिसके बाद सरकार मुआवजे की रकम बांटती है.
आप कैसे लगा सकते हैं गुहार
अगर बारिश या बाढ़ में आप के घर, दुकान या खेती को नुकसान पहुंचा है तो इसकी भरपाई के लिए आपको सबसे पहले जिला प्रशासन को इसकी सूचना देनी होगी. इसके लिए आप अपने शहर या गांव में संबंधित नगर पालिका या पंचायत को इसकी लिखित सूचना दे सके हैं. इसके बाद स्थानीय अधिकारी आपके परिवार की संपत्ति और नुकसान का आकलन करते हैं. इस दौरान बाढ़ प्रभावित इलाके की फोटो और वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को सौंपी जाती है,जिसके बाद जिला प्रशासन इस रिपोर्ट को आगे राज्य सरकार के पास भेजता है. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से राहत पैकेज का ऐलान किया जाता है.
यह भी पढ़ें: 70 साल से ज्यादा है उम्र तो इस ऐप से ही बनवा सकते हैं अपना आयुष्मान कार्ड, जान लीजिए आसान तरीका