Flight Ticket Charges: भारत में रोजाना बहुत से यात्री फ्लाइट से यात्रा करते हैं. कोविड काल के दौरान भारत में फ्लाइट यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई थी. लेकिन पिछले कुछ सालों से अब इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली है. साल 2023 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में रोजाना करीब ढाई लाख के आसपास यात्री सफर करते हैं.


फ्लाइट की टिकट सामान्य तौर पर काफी एक्सपेंसिव होती है. और मांग के आधार पर इनके दाम ऊपर नीचे होते रहते हैं. चलिए आपको बताते हैं फ्लाइट में जो टिकट का किराया आप देते हैं उसे पर कितने रुपये एक्स्ट्रा चुकाने होते हैं. . 


 बेसिक फेयर के अलावा एक्स्ट्रा चार्ज चुकाने होते हैं


भारत में लगभग हर चीज में आजकल सर्विस चार्ज  लिया जाता है. फिर चाहे आप ऑनलाइन शॉपिंग करें या रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाएं. आपको सर्विस चार्ज चुकाने पड़ते हैं. फ्लाइट के मामले में भी ऐसा ही है. डीजीसीए द्वारा अपनी आधिकारिक साइट पर बताया गया है. कि फ्लाइट में किस प्रकार के चार्ज होते हैं और कैसे उन्हें निर्धारित किया गया है. 


दरअसल फ्लाइट की टिकट बुक करते समय आपको बेसिक किराया तो चुकाना ही होता हैं. इसके अलावा आपको सर्विस चार्ज भी देना होता है जो टिकट की कीमत के हिसाब से तय होता है. तो वहीं आपको सिक्योरिटी फीस जमा करनी होती है. अगर आप इकोनामी से ट्रेवल कर रहे हैं तो आपको 5% जीएसटी चुकाना होता है. जबकि प्रीमियम इकोनामी और बिजनेस क्लास वाले पैसेंजर्स को 12% जीएसटी देना होता है. 


यह होते हैं फ्लाइट चार्ज कॉम्पोनेंट


फ्लाइट में चार्ज को तय करने के लिए कुछ कंपोनेंट होते हैं यानी वह खर्च जो आपको सामान्य तौर पर मालूम नहीं होते. इनमें यूडीएफ यानी यूजर डेवलपमेंट फीस होती है. जो हवाई अड्डों से जुड़ी होती है. तो उसके साथ ही एयरलाइन फ्यूज चार्ज होता है, इसके अलावा CUTE फीस यानी कॉमन यूजर टर्मिनल इक्विपमेंट फीस जिसे पैसेंजर हैंडलिंग फीस भी कहा जाता है यह भी चुकानी होती है. 


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