Loan Recovery Agent: अगर आपको भी लोन रिकवरी एजेंट्स परेशान कर रहे हैं, लोन रिकवरी के नाम पर भद्दे मैसेज भेज रहे हैं या गलत तरीके की टिप्पणी कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आपको यह अधिकार देता है कि आप उन एजेंट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकें जिससे लोग इन परेशानियों से छुटकारा पा सकें.


कई मामले बढ़े


पिछले कुछ समय में लोन रिकवरी एजेंट्स की ओर से हैरेसमेंट के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. इन मामलों की संख्या में कोविड के बाद से तेजी आई है क्योंकि आरबीआई ने मोरेटोरियम को बढ़ाया, जिससे कर्ज धारकों के लिए किस्त चुकाने की अवधि बढ़ गई. जिससे बैंकों के ऊपर लोन रिकवर करने का दबाव बढ़ा और यह दवाब फिर रिकवरी एजेंट्स पर शिफ्ट हुआ. इसी कारण हैरेसमेंट की शिकायतें बढ़ने लगीं.  


कौन है जिम्मेदार


लोन रिकवरी एजेंट्स की ओर से हैरेसमेंट के मामलों में आरबीआई ने गाइडलाइंस जारी की है. इस गाइडलाइन के अनुसार इस अभद्र व्यवहार के लिए हैरेसमेंट करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ वह बैंक भी जिम्मेदार होगा जिससे वह व्यक्ति जुड़ा हुआ है. इसके लिए बैकों को अपने लोन रिकवरी एजेंट्स को निर्देश देने की जरूरत है कि वह मानसिक या शारीरिक किसी भी रूप से ग्राहकों के साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकते.


कैसे करें शिकायत


इस प्रकार के मामले का शिकार होने पर सबसे पहला कदम यही है कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं. अगर पुलिस शिकायत लेने से मना करे, तो अदालत में उस बैंक के खिलाफ सिविल इंजक्शन फाइल करें. जिससे पीड़ित व्यक्ति की बात अदालत द्वारा सुनी जाएगी और मानहानि के लिए मुआवजा भी दिया जा सकता है. 


इसके अलावा एजेंट्स के कॉल रिकॉर्ड, एसएमएस, ई-मेल को भी ट्रैक कर सकते हैं और अपनी शिकायत की सीधे जानकारी संबंधित बैंक अधिकारी से भी कर सकते हैं. 


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