Hotel Booking Scam: देश में पिछले कुछ समय से स्कैमर्स का जाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. जिसमें डिजिटली लोगों को खूब ठगा जा रहा है. जिसमें लोगों ने करोड़ों रुपये तक गंवा दिए हैं. देश में इन दिनों ऑनलाइन ट्रैवल का चलन बढ़ा है और इसी का फायदा स्कैमर्स जबरदस्त तरीके से उठा रहे हैं. हाल ही में एक व्यक्ति होटल बुकिंग करते वक्त ऐसे ही जाल में फंस गया. 

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वॉट्सऐप पर आए एक लिंक ने उसका भरोसा जीत लिया. स्कैमर ने लगातार बातचीत करके उसे आराम से सेट किया और आखिर में ओटीपी लेकर उसके क्रेडिट कार्ड से लाखों रुपये उड़ा लिए. यही वजह है कि अब होटल बुकिंग से पहले सतर्क रहना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है. चलिए आपको बताते हैं कैसे स्कैमर्स इस जाल में फंसाते हैं और कैसे आप इससे बच सकते हैं. 

स्कैमर्स होटल बुकिंग के नाम पर कैसे फंसाते हैं?

आज के दौर में आप ऑनलाइन किसी भी तरह की बुकिंग करें सावधानी बरतने की जरूरत है. लोगों को साथ ऑनलाइन ट्रैवल बुकिग में भी फ्राॅड हो रहा है. इस स्कैम में स्कैमर्स सबसे पहले भरोसा बनाते हैं. वह खुद को होटल एजेंट, ट्रैवल सपोर्ट या कस्टमर केयर बताकर बातचीत शुरू करते हैं. फिर आपको कोई लिंक भेजते हैं. जो बिल्कुल असली साइट जैसा दिखता है. इन क्लोन साइटों पर होटल की फोटो, लोगो और डिजाइन तक कॉपी किये जाते हैं. 

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जिससे असली और नकली में फर्क नहीं दिखता. कुछ ठग गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर तक लिस्ट कर देते हैं. जिसस आप खुद उन्हें कॉल करें और अपनी पेमेंट डिटेल शेयर कर दें.  अचानक मिलने वाली 70% ऑफ वाली डील, पेंडिंग कन्फर्मेशन या सिर्फ 2 कमरे बचे हैं वाली जल्दी देखकर कई लोग सोचने का समय ही नहीं लेते. और पैसे गंवा देते हैं.

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होटल बुकिंग साइट असली है या फेक कैसे पता करें?

कोई भी लिंक मिलने पर सबसे पहले उसके URL की जांच करें. हमेशा https:// से शुरू होना चाहिए और पैडलॉक आइकन दिखना चाहिए. URL की स्पेलिंग को ध्यान से पढ़ें, क्योंकि स्कैमर्स अक्सर MakMyTrip या Goibibo.co जैसी गड़बड़ियां डालते हैं. एक और तरीका है लिंक पर माउस होवर करके देखना कि वह वाकई कहां ले जा रहा है. 

असली वेबसाइट में कॉन्टैक्ट अस और अबाउट अस पेज होता है जिसमें असली फोन नंबर और पता मिलता है. होटल का नाम गूगल पर अलग से सर्च करके रिव्यू देखना भी समझदारी होती है. अगर कोई डील बहुत सस्ती लग रही है. तो ज्यादातर मामलों में वही सबसे बड़ा खतरा होती है. और अगर गलती से भी फ्रॉड हो जाए तो तुरंत बैंक को कॉल करें, कार्ड ब्लॉक करें और साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.

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