सरकार ने अब सरकारी महिला कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए. उनके लिए एक नया ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने 2 जनवरी को  इस मामले पर पूरी जानकारी दी. सरकार ने पेंशन के मामले पर कहा कि जिन महिलाओं के वैवाहिक संबंध विवाद में हैं. वह सरकारी महिला कर्मचारी पेंशन के लिए अब अपने एक बच्चे या और बच्चों का नाम नॉमिनेट कर सकती हैं. बता दें कि केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के नियम 50 में रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को पेंशन देने का प्रावधान है. 


पहले ऐसे थे नियम


सरकार द्वारा इस नियम में बदलाव करने से पहले सरकारी कर्मचारी या पेंशनयाफ्ता सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनकी पेंशन उनके पति या पत्नी को दिए जाने का प्रावधान था. बच्चों समेत परिवार का कोई भी और सदस्य तभी यह पेंशन पाने का हकदार होता था. जब दोनों ही यानी पति और पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाती थी. या फिर कानूनी रूप से उन्हें आयोग्य घोषित कर दिया जाता था.  


डिपार्टमेंट ऑफ़ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर ने क्या कहा


डिपार्टमेंट ऑफ़ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर ने अब इन नियमों में बदलाव कर दिया है. यानी कि अब एक महिला सरकारी कर्मचारी पेंशन के लिए अपने पति की जगह अपने बच्चों का नाम भी नॉमिनेट कर सकती है.  डीओपीपीडब्ल्यू के सेक्रेटरी वी श्रीनिवास ने इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए बताया, "संशोधन उन सभी मामलों में जहां महिला सरकारी कर्मचारी ने तलाक की याचिका दायर की है या घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम या भारतीय दंड संहिता के तहत मामले दर्ज किए हैं, एक पात्र बच्चे को महिला सरकारी कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन के वितरण की अनुमति देता है." पेंशन के इस नियम में बदलाव होने के चलते अब महिलाओं को काफी फायदा होगा. इस नियम के जरिए जिन महिलाओं की शादी विवाद में है या जिनके पारिवारिक संबंध सही नहीं चल रहे हैं उनको काफी सहूलियत मिलेगी. 


यह भी पढ़ें:  गर्भवती महिलाओं के चल रही बेहद खास योजना, बच्चे के जन्म से पहले ही मिलने लगेगा फायदा