Online Gaming News: क्या आपको पता है ऑनलाइन गेमिंग एप पर पैसे जीतने पर कितना टैक्स देना होता है? ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स से होने वाली कमाई अब इनकम टैक्स विभाग के रडार पर आ गई है जो एक जुलाई 2023 से लागू हो चुकी है. सीबीडीटी  के इस बारे में गाइडलाइन को जारी किया है जिसमें 100 रुपये या उससे ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग के जरिए होने वाली कमाई पर टीडीएस का भुगतान करना होगा.


ऑनलाइन गेमिंग में बोनस, रेफरल बोनस या किसी प्रकार का इंसेंटिव से आय होती है तो उसे भी टैक्सेबल रकम पर गिनी जाएगी और टीडीएस का भुगतान करना होगा. ऐसे में अगर आपने 150 रुपये लगाकर 200 जीते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन अगर आप 150 रुपये लगा कर 250 रुपये जीतते हैं तो आपको इसके लिए 28 प्रतिशत जीती हुई रकम का पैसा देना ही होगा. मानकर चलिए आपने 100 रुपये अगर जीते हैं तो आपके खाते में केवल 72 रुपये ही आएंगे.


सीबीडीटी के गाइडलाइंस के मुताबिक अगर कोई प्लेयर 100 रुपये से कम ऑनलाइन गेमिंग में जीतता है तो ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को टीडीएस काटने की जरुरत नहीं पड़ेगी. इस सर्कुलर के मुताबिक बोनस, रेफरल बोनस, इंसेंटिव अगर ऑनलाइन गेमिंग कंपनी से दिया जाता है तो इनकम टैक्स कानून के मुताबिक उसे भी टैक्सेबल इनकम डिपॉजिट में जोड़ा जाएगा. कुछ डिपॉजिट कॉइंस, कूपंस, वाउचर्स और काउंटर्स के तौर पर हो सकता है उसे टैक्सबेल डिपॉजिट के तौर पर माना जाएगा.


ये है नई गाईडलाइन


सीबीडीटी ने अपने रूल 133 में कहा है कि किसी भी नाम से ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के साथ यूजर अकाउंट क्यों ना रजिस्टर हुआ हो, अगर कोई टैक्सबेल डिपॉजिट, नॉन-टैक्सबेल डिपॉजिट, अगर जीता हुआ रकम क्रेडिट किया जाता है या फिर विड्रॉल डेबिट किया जाता है उसपर नियम लागू होगा. अगर किसी यूजर का मल्टीपल अकाउंट है तो उसका हर अकाउंट नेट रकम जीतने के लिए कैलकुलेट किया जाएगा. यूजर अकाउंट में मौजूद डिपॉजिट, विड्रॉल या बैलेंस सभी इस दायरे में आयेंगे.


ये कहा वित्त मंत्री ने


गौरतलब है कि सीतारमण ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लागू किया जाएगा भले ही गेम कौशल या भाग्य पर आधारित हो.


उन्होंने बताया, "हम अभी भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा प्रस्तावित नियमों के साथ संरेखित होंगे. कार्रवाई योग्य दावा सूची में ऑनलाइन गेमिंग को शामिल करते हुए जीएसटी अधिनियम की अनुसूची III में एक संशोधन किया जाएगा. आइटम नंबर 6 सूची में पहले से ही सट्टेबाजी, जुआ और लॉटरी शामिल हैं. हम इसमें ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ को भी शामिल करेंगे, परिणामस्वरूप, उन पर पूर्ण अंकित मूल्य के आधार पर 28 प्रतिशत कर लगेगा.


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