Fake PAN & Aadhaar Card: टेक्नोलॉजी ने लोगों की जिंदगी आसान कर दी है. मुश्किल से होने वाले काम आप टेक्नोलॉजी के सहारे बढ़ी आसानी से हो जाते हैं. और जब से यही का आविष्कार हुआ है तब से तो कहने ही क्या हैं. यह दौर ऐसा है जहां AI ने चीजें बनाना बेहद आसान कर दिया है. लोग गूगल के Nano Banana Pro से तरह-तरह की तस्वीरें बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं.
इस टूल ने जहां लोगों की क्रिएटिविटी को बढ़ाया है. तो बहुत से लोग इसका गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं. कई लोग गूगल के Nano Banana Pro से नकली पैन कार्ड और नकली आधार कार्ड बना रहे हैं. जिनका बहुत से गलत कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिनNano Banana Pro से बने नकली पैन कार्ड और आधार कार्ड का पता लगाया जा सकता है कैसे चलिए आपको बताते हैं.
कैसे बन रहे हैं नकली पहचान पत्र?
AI मॉडल इंसानी फोटो, फोंट और कार्ड लेआउट को इतनी सफाई से दोबारा बना लेते हैं कि पहली नजर में पहचान करना मुश्किल हो जाता है. कई यूजर्स असली PAN या आधार की फोटो अपलोड कर देते हैं और AI टूल उसकी हूबहू कॉपी तैयार कर देता है. रंग, टेक्सचर और पैटर्न इतने क्लोज दिखते हैं कि कोई भी चकमा खा जाए.
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असली चुनौती यह है कि इन कार्ड्स को ऑनलाइन वेरिफिकेशन में भी कुछ समय तक पकड़ा नहीं जा सकता, क्योंकि फर्जी कार्ड में QR जैसा विजुअल हिस्सा काफी हद तक वैसा ही दिखता है. यही कारण है कि फेक कार्ड की घटनाएं अचानक बढ़ने लगी हैं और धोखाधड़ी का खतरा भी उतना ही बढ़ गया है.
असली और नकली कार्ड पहचानने के आसान तरीके
QR कोड सबसे भरोसेमंद तरीका है. PAN हो या आधार, असली कार्ड के QR कोड को आधिकारिक ऐप से स्कैन करने पर तुरंत पूरी जानकारी सामने आ जाती है. फर्जी कार्ड स्कैन करते ही या तो कोई डेटा नहीं आएगा या फिर मिस्टमैच दिखेगा. दूसरा तरीका फोटो और फोंट की जांच है. फेक कार्ड में अक्सर फोटो का किनारा ज़रा धुंधला दिखता है या टेक्स्ट की शार्पनेस कम होती है.
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इसके साथ ही हाइलाइटेड टेक्स्ट का रंग पैटर्न भी टेढ़ा-मेढ़ा लगता है. असली आधार में माइक्रो लेटरिंग, उभरा टेक्सचर और यूनिक पैटर्न साफ दिखते हैं, जबकि AI जनरेटेड कार्ड इन बारीकियों को ठीक से नहीं उतार पाते. अगर फिर भी शक हो तो UIDAI, PAN portal या नजदीकी केंद्र पर ऑनलाइन वेरिफिकेशन करा लेना बेहतर रहता है.
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