EPFO New Rules: देश में करोड़ों कर्मचारियों के पीएफ खाते हैं. इनमें हर महीने एक तय रकम जमा होती है जिस पर ब्याज भी मिलता है. रिटायरमेंट के बाद लोग पीएफ खाते में जमा पैसा निकाल सकते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने अब इसके लिए नियमों में बदलाव किया है.

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इस कदम से रिटायर्ड लोगों को पैसा निकालने में दिक्कत नहीं होगी.  बल्कि प्रक्रिया पहले से ज्यादा आसान और सुरक्षित हो जाएगी. कैसे रिटायर्ड कर्मचारियों को ईपीएफओ कैसे नए नियम से होगा फायदा? क्या है यह नया बदलाव. चलिए आपको बताते हैं पूरी जानकारी. 

पीएफ निकासी का नया नियम क्या कहता है?

देश के तमाम पीएफ खाताधारकों के लिए रिटायरमेंट के बाद अब पीएफ निकालना पहले से कहीं आसान हो गया है. पहले कर्मचारियों को पैसा निकालने के लिए कई तरह के दस्तावेज जमा करने पड़ते थे. लेकिन अब नए नियम के तहत ऐसा नहीं करना होगा. यानी सदस्य बिना किसी दस्तावेज या कारण बताए अपना पैसा निकाल सकेंगे. मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई व्यक्ति अगर एक महीने से बेरोजगार है.

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तो वह अपने ईपीएफ बैलेंस का 75 प्रतिशत तक निकाल सकता है. वहीं बाकी 25 प्रतिशत हिस्सा बाद में निकाला जा सकेगा. केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह बदलाव कर्मचारियों की सुविधा और रिटायरमेंट के बाद उनकी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है. नए नियम से निकासी प्रक्रिया न सिर्फ सरल हुई है बल्कि इसमें ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ी है.

मिनिमम बैलेंस रखना होगा जरूरी

कर्मचारियों को अपने ईपीएफ अकाउंट में कम से कम 25 प्रतिशत राशि मिनिमम बैलेंस के तौर पर रखनी होगी. ऐसा इसलिए ताकि सदस्यों को 8.25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता रहे. पहले लोग नौकरी छूटते ही पूरा पैसा निकाल लेते थे. जिससे उनकी पेंशन ड्यूरेशन टूट जाती थी. पेंशन के लिए कम से कम दस साल की सेवा जरूरी होती है.

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इस नियम से अब सदस्य अपनी सेवा अवधि को निरंतर रख सकेंगे और भविष्य में मिलने वाली पेंशन की रकम भी प्रभावित नहीं होगी. ईपीएफो के अनुसार यह बदलाव न केवल रिटायर्ड कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा देगा. बल्कि उन्हें ब्याज का फायदा और लंबे वक्त के लिए की स्थिरता का फायदा भी मिलेगा.

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