Stray Dogs: अक्सर देखा गया है कि हाउसिंग सोसायटीज में कुत्तों को लेकर कई झगड़े होते हैं. कई बार कुत्ते पालतू होते हैं, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जब कुत्ते पालतू नहीं होते. ऐसे मामलों में कुछ लोग इन कुत्तों को पनाह देते हैं और रोज उनकी फीडिंग करते हैं, यानी खाना खिलाते हैं. कई लोग लगातार इसका विरोध भी करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इन कुत्तों से उनके बच्चों या फिर उन्हें खतरा पैदा हो सकता है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर ऐसा कोई कुत्ता किसी को सोसायटी में किसी को काट लेता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. 


किससे मांग सकते हैं मुआवजा?
अब अगर किसी का पालतू कुत्ता काटता है तो मालिक के खिलाफ केस दर्ज होता है, ऐसे में मुआवजा भी मांगा जा सकता है. वहीं लोगों को ये नहीं पता होता है कि आवारा कुत्तों के काटने पर कौन मुआवजा देगा और इसके लिए किसे जिम्मेदार मान सकते हैं. दरअसल अगर आपको कोई आवारा कुत्ता काटता है तो इसके लिए आप नगर निगम के खिलाफ केस कर सकते हैं. इसके अलावा राज्य सरकार को भी आप जिम्मेदार ठहरा सकते हैं. 


राज्य सरकार भी जिम्मेदार
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर फैसला भी सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि आवारा जानवरों के हमले का शिकार हुए लोगों को मुआवजा देना राज्य सरकार का काम है. ऐसा करना सरकार की जिम्मेदारी है. यानी अगर ऐसे कुत्ते के हमले से किसी की मौत हो जाती है तो ऐसे में परिवार सरकार या नगर निगम के खिलाफ केस कर सकता है. 


कुत्तों को रोज खाना खिलाना कितना सही?
अब सवाल है कि क्या वो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं जो सोसायटी में आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, जिससे वो वहीं रहने लगते हैं. कोर्ट में आप जरूर ऐसे लोगों का नाम भी ले सकते हैं, जिनकी वजह से कई कुत्ते सोसायटी में डेरा डाले बैठ जाते हैं. मौका मिलने पर वो किसी बच्चे या फिर बाइक सवार पर झपट पड़ते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि अगर आवारा कुत्ते काटते हैं तो इन्हें रोज खाना खिलाने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों पर चिंता जताई थी और कहा था कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाना गलत नहीं है, लेकिन ऐसा करने से वो कुत्ते वहीं रह जाते हैं और इसी बीच किसी पर भी हमला कर सकते हैं. 


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