घरेलू में होने वाली बिजली की दुर्घटनाएं अक्सर छोटी-छोटी लापरवाहियों की वजह से होती हैं, लेकिन इनके परिणाम गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं. इसीलिए घर में लगे हाई वोल्टेज वाले इलेक्ट्रिक एप्लायंसेज को अक्सर सही पावर सॉकेट पर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, जिससे कि पावर प्लग को नुकसान न हो और किसी भी तरह की दुर्घटना न हो. चलिए जानें कि आखिर ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिनको घर के पावर प्लग में गलती से भी नहीं लगाना चाहिए.

Continues below advertisement

प्लग की नियमित जांच जरूरी 

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सभी पावर प्लग और सॉकेट सीमित क्षमता के लिए बनाए जाते हैं. ओवरलोडिंग, टूटे तार, ढीले कनेक्शन और नकली उपकरण इन सीमाओं को पार कर सकते हैं. बिजली के जानकारों की मानें तो घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और प्लग की नियमित जांच और प्रमाणित उत्पादों का इस्तेमाल, बिजली हादसों को रोकने के लिए सबसे प्रभावी तरीका होता है.

Continues below advertisement

सॉकेट में क्या चीजें नहीं लगानी चाहिए

सबसे पहले तो नकली या बगैर सर्टिफिकेशन वाले चार्जर और एडाप्टर जो अक्सर सस्ते ब्रांड के होते हैं, शॉर्ट-सर्किट और थर्मल फेलियर का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा टूटे, कटे या घिसे हुए तार सीधे करंट से आग का जोखिम बढ़ाते हैं. गीले हाथों या गीले उपकरणों का उपयोग करना भी बेहद खतरनाक है. नमी की वजह से करंट बढ़ सकता है, जिससे शॉर्ट-सर्किट और झटके का खतरा पैदा होता है. ओवरलोडिंग भी एक आम गलती है. एक ही सॉकेट पर कई हाई-वॉटेज उपकरण लगाने से प्लग गर्म होकर गल सकता है या वायरिंग में आग लग सकती है.

क्या चीजें बढ़ाती हैं जोखिम

इसके अलावा, धूल, मलबा या धातु के छोटे कण सॉकेट में जाने से भी शॉर्ट होने का खतरा बन सकता है. रसोई में हाई-वॉटेज उपकरणों को सामान्य लाइन से जोड़ना, टूटी हुई सॉकेट कवर या ढीले सॉकेट का इस्तेमाल करना, ये सभी जोखिम को बढ़ाते हैं.

किस स्थिति में हो जाएं सतर्क

ऐसे में घर में किसी भी असामान्य घटना की पहचान करना भी जरूरी है. सॉकेट का जलना, बार-बार फ्यूज उड़ना, प्लग के पास धुआं या झपकता हुआ स्पार्क-लाइट, या प्लग का असामान्य तापमान हो रहा है, तो तुरंत सतर्क हो जाने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में बिजली को मेन स्विच से बंद कराकर अच्छे इलेक्ट्रीशियन को बुलाना चाहिए और जांच करानी चाहिए.

यह भी पढ़ें: Bihar Population: आजादी के बाद कितनी थी बिहार की जनसंख्या, तब यहां कितने हिंदू-कितने मुस्लिम थे?