Bihar Population: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राज्य में राजनीतिक माहौल काफी गरमा गया है. आज चुनाव आयोग द्वारा बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट को जारी किया जाएगा. इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने की काफी ज्यादा उम्मीद है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि चुनाव का पहला चरण अक्टूबर के आखिर में छठ पूजा के तुरंत बाद हो सकता है. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं स्वतंत्रता के बाद की बिहार की जनसंख्या की. आइए जानते हैं कि स्वतंत्रता के बाद बिहार की जनसंख्या कितनी थी.
स्वतंत्रता के बाद बिहार की जनसंख्या
चुनाव की तैयारी पर चर्चा करने से पहले बिहार के जनसांख्यकीय प्रदर्शन को देखना काफी दिलचस्प रहेगा. अगर बात करें 1951 की तो भारत की आजादी के बाद पहली जनगणना के मुताबिक बिहार की कुल जनसंख्या 38,786,184 थी. इनमें से हिंदू जनसंख्या 33,075,664 और मुस्लिम जनसंख्या 4,373,360 थी.
यानी कि बिहार में हिंदू जनसंख्या काफी ज्यादा थी और मुस्लिम जनसंख्या का एक छोटा हिस्सा थे. 1931 की जनगणना के मुताबिक मुस्लिम जनसंख्या काफी ज्यादा थी लेकिन विभाजन के बाद बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान चले गए थे. जिसका असर 1951 की जनसंख्या पर पड़ा. अगर हम 2011 की जनसंख्या की भी बात करें तो उस वक्त बिहार की पॉपुलेशन 104,099,452 थी . आजादी के बाद से बिहार की जनसंख्या में काफी ज्यादा वृद्धि देखने को मिली है.
बिहार चुनाव
आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी होते ही चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो जाएंगी. चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव को लेकर काफी ज्यादा सख्त है और चुनाव की तैयारी में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है. इसी बीच बिहार की जनसंख्या पर विचार कर के सामाजिक और राजनीतिक विकास को समझने के लिए काफी जरूरी संदर्भ मिलता है.
बिहार का धार्मिक इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि हिंदू देवी सीता का जन्म वर्तमान बिहार के मिथिला क्षेत्र के सीतामढ़ी जिले में हुआ था. इसी के साथ प्राचीन बिहार वही जगह थी जहां से बौद्ध धर्म और जैन धर्म जैसे नए भारतीय धर्म की शुरुआत हुई. गौतम बुद्ध को बिहार के गया जिले में स्थित बोध गया में ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसी के साथ सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म भी 1666 में यहीं हुआ था.
बिहार में अगर 2011 के आंकड़ों की बात करें तो मुख्य धर्म हिंदू है. यहां पर 82.7% आबादी हिंदू धर्म को मानती है और 16.9% इस्लाम को. अगर 2022 के बिहार जातिगत सर्वेक्षण की बात करें तो यहां 81.5% लोग हिंदू धर्म और 17.70% लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं. हिंदू धर्म इस राज्य का मुख्य धर्म है. किशनगंज को छोड़कर बिहार के सभी जिलों में हिंदू काफी ज्यादा संख्या में है.
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