Diwali Firecrackers Bursting Rule: कल यानी 20 अक्टूबर को देशभर में दिवाली मनाई जाएगी. दिल्ली में दिवाली नजदीक आते ही आतिशबाज़ी को लेकर सख्ती बढ़ गई है. दिल्ली में प्रदूषण को काबू में रखने के लिए प्रशासन ने इस साल भी पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया है. इस प्रतिबंध में सुतली बम, फुलझड़ी, अनार, चकरी जैसे पटाखे शामिल हैं. अब सवाल यह है कि अगर कोई व्यक्ति सुतली बम फोड़ता पकड़ा जाए. तो क्या पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है?

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दरअसल दिल्ली सरकार और एनजीटी ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह की आतिशबाज़ी करने पर सख्त कार्रवाई होगी. एनवायरनमेंट और पब्लिक सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पुलिस और डीपीसीसी की टीमें लगातार निगरानी में हैं. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही भी आपको बड़ी कानूनी मुश्किल में डाल सकती है. जान लीजिए ऐसा करने पर कितनी सजा हो सकती है.

सुतली बम फोड़ना अपराध क्यों है?

दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने पिछले कुछ सालों में कई बार निर्देश दिए हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि राजधानी में किसी भी तरह के पटाखे बनाना, बेचना या जलाना पूरी तरह गैरकानूनी है. सुतली बम या किसी भी विस्फोटक सामग्री को जलाने पर ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ हवा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है. 

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इसलिए इसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत अपराध माना जाता है. ऐसे मामलों में पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सकती है और आरोपी को मौके से हिरासत में लिया जा सकता है. इतना ही नहीं ऐसे पटाखे फोड़ने पर न सिर्फ जुर्माना बल्कि जेल की सज़ा तक का प्रावधान है.

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कितनी हो सकती है सजा?

अगर कोई दिल्ली में सुतली बम फोड़ता हुआ पकड़ा जाता है. तो उस पर कई धाराएं एक साथ लग सकती हैं. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 15 के तहत दोषी को 5 साल तक की जेल या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी भी लागू होती है. जिसमें बिना अनुमति विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल पर सख्त सज़ा का प्रावधान है. अगर पटाखे से किसी की संपत्ति या जान को नुकसान होता है. तो  तो उसके खिलाफ BNS धारा 277 और 131 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

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