दिल्ली सरकार एक बार फिर छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है. राजधानी में लंबे समय बाद यू-स्पेशल बस सेवा को दोबारा शुरू कर दिया गया है. यह सर्विस खास तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, आईआईटी और जामिया जैसे बड़े शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों के लिए होगी. इस बार न सिर्फ नॉर्थ और साउथ कैंपस बल्कि ऑफ-कैंपस कॉलेजों को भी इस सेवा से जोड़ा गया है. आउटर दिल्ली और यमुनापार के इलाकों से रोजाना सफर करने वाले स्टूडेंट को इससे सीधा फायदा मिलेगा. 

Continues below advertisement

किन कॉलेजों तक पहुंचेगी बसें?

यू स्पेशल बस सेवा को 25 नए रूटों पर चलाया जाएगा. इनमें से कुछ प्रमुख रूट इस प्रकार से हैं-

  • नरेला से पटेल चौक 
  • पश्चिम विहार से किरोड़ीमल कॉलेज 
  • ओखला से खालसा कॉलेज 
  • वसुंधरा एनक्लेव से अमर कॉलोनी कैंपस 
  • बवाना से स्पेशल स्टॉप होते हुए खालसा कॉलेज 
  • द्वारका सेक्टर 21 से आईआईटी दिल्ली 
  • बदरपुर बॉर्डर से अरविंदो कॉलेज 
  • मुकुर्बा चौक से हिंदू कॉलेज होते हुए खालसा कॉलेज 
  • आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम से खालसा कॉलेज 
  • नरेला से इंद्रप्रस्थ कॉलेज 

इसके अलावा कई मेट्रो स्टेशनों को भी इस सेवा से जोड़ा जाएगा ताकि छात्रों को सफर में और आसानी मिल सके.

Continues below advertisement

कैसी होंगी बसें?

यू स्पेशल बस सेवा में 20 एयर कंडीशनर इलेक्ट्रिक बसें चलेगी. इसके अलावा 30 डीजल चाल‍ित 12 मीटर लंबी बसें चलेंगी और 20 डीजल चाल‍ित 9 मीटर छोटी बसें चलेगी. इनमें सिर्फ स्टूडेंट पास होल्डर्स को ही सफर करने की इजाजत होगी. बसों की टाइमिंग को कॉलेज शेड्यूल के हिसाब से तय किया गया है ताकि क्लास समय पर अटेंड की जा सके. 

यू स्पेशल बस सेवा का इतिहास  

यू स्पेशल बस सेवा पहली बार 1971 में दिवाली के दिन मलकागंज डीपो से शुरू हुई थी. ‌उस समय किराया सिर्फ 50 पैसे हुआ करता था. 90 के दशक में यह सेवा अपने चरम पर थी. जब करीब 400 बसें रोजाना 1.90 लाख छात्रों को सफर कराती थी. वहीं साल 2020 में कोविड और बसों की कमी की वजह से इसे बंद करना पड़ा था, जिसे अब एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है. 

इस बार क्या नया है?

यू स्पेशल बसें इस बार से एसी और इलेक्ट्रिक होंगी. स्टूडेंट के लिए बसों में रेडियो सिस्टम होगा, जिस पर गानों की फरमाइश और शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित किया जाएंगे. इसके अलावा सरकार का लक्ष्य है कि छात्रों को किफायती और सुरक्षित सफर दिया जाए.

ये भी पढ़ें-इस गांव में हुआ था पतियों का कत्लेआम, 50 महिलाओं ने खुद उजाड़ा था अपना सुहाग