Car Selling Tips: 10 नवंबर की शाम करीब 7 बजे दिल्ली के लाल किले के पास चलती i20 कार में धमाका हुआ. इस हादसे में 13 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए. जांच में पता चला कि जिस कार में ब्लास्ट हुआ वह सिर्फ चार दिन पहले खरीदी गई थी. जिसने कार खरीदी वह तीसरा मालिक था. 

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लेकिन पुलिस ने पहले मालिक मोहम्मद सलमान को पूछताछ के लिए पकड़ लिया. यह मामला बताता है कि अगर आप अपनी पुरानी कार बिना सही ट्रांसफर प्रोसेस के बेचते हैं. तो मुसीबत कभी भी आपके दरवाजे पर आ सकती है. इसलिए कार बेचते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.

कार का डेटा पूरी तरह साफ करें

कार देने से पहले इंफोटेनमेंट सिस्टम से अपना Google या Apple अकाउंट लॉगआउट करें. सेव्ड कॉन्टैक्ट्स, कॉल हिस्ट्री, नैविगेशन एड्रेस, सब डिलीट कर दें. FasTag हटाएँ और अगर कोई GPS ट्रैकर या कनेक्टेड ऐप जैसे BlueLink या i-Connect है. तो उसे भी डिसेबल करें. इससे आपकी पर्सनल जानकारी सुरक्षित रहती है.

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लिखित एग्रीमेंट जरूर बनवाएं

कार बेचने के बाद खरीदार कोई भी हो एक लिखित सेल एग्रीमेंट जरूर तैयार करें. इसमें गाड़ी का नंबर, मॉडल, डील की रकम, तारीख और दोनों पार्टी की आईडी डिटेल्स लिखें. डिलीवरी नोट में टाइम और पेमेंट मोड डालें. तो साथ ही दोनों के सिग्नेचर करवाएं. यह कागज़ बाद में कानूनी सुरक्षा देते हैं.

RC ट्रांसफर तुरंत करवाएं

फॉर्म 29 और 30 भरकर RTO में नाम ट्रांसफर करवाना सबसे जरूरी काम है. जब तक RTO रिकॉर्ड में नाम नहीं बदलता, गाड़ी की पूरी जिम्मेदारी पुराने मालिक की रहती है. ऑनलाइन प्रोसेस शुरू की जा सकती है. लेकिन RTO जाकर फिजिकल वेरीफिकेशन करवाना बेहतर है.

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बकाया चालान और लोन क्लियर करें

गाड़ी बेचने से पहले सभी चालान, रोड टैक्स और फाइन चुका दें. अगर कार पर बैंक लोन है. तो बैंक से NOC लेकर हाइपोथिकेशन हटवाएं. ऐसा न करने पर आरसी ट्रांसफर रुक सकता है और खरीदार को परेशानी होगी.

वैलिड इंश्योरेंस और PUC रखें

PUC सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस दोनों वैध होने चाहिए. कार बेचने के बाद अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी ट्रांसफर या कैंसल करें. दिल्ली–NCR में पुराने पेट्रोल और डीज़ल वाहनों की आरसी इनवैलिड हो जाती है. इसलिए ऐसे वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर में देकर सर्टिफिकेट जरूर लें. इससे आप पूरी तरह कानूनी रूप से सुरक्षित रहेंगे.

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