भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में सड़कों पर रोजाना लाखों गाड़ियां चलती हैं. ट्रैफिक, सड़क की स्थिति, बारिश और कभी-कभी लापरवाही की वजह से हर दिन हजारों सड़क एक्सीडेंट होते हैं. साल 2019 में ही भारत में करीब 4.37 लाख सड़क हादसे हुए थे, जिनमें लगभग 1.54 लाख लोगों की जान चली गई. ये आंकड़े बताते हैं कि हम सबके लिए सड़क पर सुरक्षित चलना कितना बड़ा मुद्दा है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होता है कि अगर बिना किसी टक्कर के भी बाइक फिसल जाती है तो क्या तब भी ये एक्सीडेंट माना जाएगा और क्या इसके लिए इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं.
हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसी से जुड़ा एक अहम फैसला दिया है, जिसमें बताया गया है कि अगर बाइक खुद फिसल जाए और किसी को चोट लग जाए या जान चली जाए तो भी ये एक्सीडेंट माना जाएगा और इंश्योरेंस क्लेम का हक बनता है. चलिए जानते हैं कि बाइक फिसल जाए क्या तब भी क्लेम ले सकते हैं और इसके नियम क्या हैं.
बाइक फिसल जाए क्या तब भी ले सकते हैं क्लेम
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह साफ कहा कि मोटरसाइकिल का फिसलना, पलटना या खुद से गिरना भी एक एक्सीडेंट माना जाएगा. इसके लिए किसी दूसरे वाहन का होना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में महिला के परिवार को 7,82,800 का मुआवजा और उस पर 7.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने का आदेश दिया. इससे यह साबित होता है कि अगर बाइक फिसल जाए और कोई चोटिल हो या जान चली जाए, तब भी इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है जरूरी नहीं कि कोई दूसरी गाड़ी या व्यक्ति उस हादसे में शामिल हो.
बाइक इंश्योरेंस क्लेम कैसे किया जाता है?
जब आपके पास बाइक इंश्योरेंस होता है तो किसी भी हादसे में आपको आर्थिक सुरक्षा मिलती है. अगर आपकी बाइक फिसल जाए, टूट जाए या आपको चोट लग जाए तो आप क्लेम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ प्रोसेस होता है. जिसमें दो तरह के इंश्योरेंस क्लेम होते हैं. पहला कैशलेस क्लेम, इसमें आप इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क में शामिल वर्कशॉप में अपनी बाइक ठीक करवाते हैं और वहां आपको जेब से पैसे नहीं देने पड़ते और कंपनी सीधे भुगतान करती है. वहीं दूसरा रीइंबर्समेंट क्लेम, इसमें आप अपनी पसंद की रिपेयर शॉप से बाइक की मरम्मत करवाते हैं, बिल लेते हैं और बाद में इंश्योरेंस कंपनी से पैसे की वापसी लेते हैं.
बाइक फिसलने पर इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें?अगर आपकी बाइक फिसल जाए तो इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत सूचित करें, हादसे के 24-48 घंटे के अंदर सूचना देना जरूरी होता है, एफआईआर दर्ज कराएं, सभी जरूरी डॉक्यूमेंट तैयार रखें. जैसे, इंश्योरेंस पॉलिसी, ड्राइविंग लाइसेंस, बाइक का रजिस्ट्रेशन, रिपेयर बिल और एफआईआर की कॉपी. इसके बाद क्लेम फॉर्म भरें और सबमिट करें फिर सर्वेयर के जरिए बाइक की जांच होगी और बाइक की मरम्मत की जाएगी और क्लेम पास हो जाएगा.
कुछ ऐसी गलतियां हैं जिनसे आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है, जैसे अगर आपकी पॉलिसी खत्म हो चुकी है, आपने समय पर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित नहीं किया, ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है या वह वैध नहीं है, बाइक चलाते समय शराब या नशा किया हुआ हो और गलत जानकारी देकर क्लेम किया हो.
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