बहुत से लोग यह सोचते हैं कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति अपने आप परिवार के सदस्यों में बंट जाती है, लेकिन असलियत इससे काफी अलग है. अगर किसी व्यक्ति ने अपनी संपत्ति को लेकर कोई डॉक्यूमेंट नहीं छोड़ा है तो उसके बाद कानूनी उलझनें, विवाद और परिवार में तनाव होना आम बात है. अक्सर हम सुनते हैं कि किसी की मौत के बाद परिवार के लोग आपस में बंटवारे को लेकर कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाते हैं. यही कारण है कि वसीयत एक बहुत जरूरी डॉक्यूमेंट मानी जाती है.

Continues below advertisement

यह एक ऐसा कागज होता है, जिसमें व्यक्ति यह लिखकर जाता है कि उसकी संपत्ति उसकी मृत्यु के बाद किसे और कैसे दी जाएगी. अब सवाल यह आता है कि क्या यह वसीयत सादे कागज पर भी लिखी जा सकती है और क्या बिना रजिस्ट्रेशन के या बिना नोटरी के सिर्फ लिखी हुई वसीयत से भी किसी को संपत्ति मिल सकती है. चलिए जानते हैं कि क्या सादे कागज पर लिखी वसीयत से प्रॉपर्टी मिल सकती है और इसे क्लेम कैसे कर सकते हैं. 

वसीयत क्या होती है?

Continues below advertisement

वसीयत एक ऐसा कानूनी डॉक्यूमेंट होता है, जिसे कोई व्यक्ति अपने जिंदा रहते बनाता है और यह तय करता है कि उसके मरने के बाद उसकी संपत्ति किसे मिलेगी. जैसे अगर किसी व्यक्ति के पास एक मकान, थोड़ी जमीन और कुछ बैंक बैलेंस है तो वह यह तय कर सकता है कि उसकी मौत के बाद ये सारी चीजें उसके बेटे, बेटी, पत्नी या किसी और को कैसे और कितनी मिलेगी. इस वसीयत को लिखने वाले व्यक्ति को वसीयतकर्ता यानी Testator कहा जाता है और जिसे संपत्ति दी जाती है, उसे लाभार्थी यानी Beneficiary कहा जाता है. 

क्या सादे कागज पर लिखी वसीयत से प्रॉपर्टी मिल सकती है

भारतीय कानून के मुताबिक, वसीयत को आप सादे कागज पर भी लिख सकते हैं. इसे लिखने के लिए न तो स्टाम्प पेपर की जरूरत होती है और न ही नोटरी की, हालांकि वसीयत साफ-सुथरी भाषा में लिखी होनी चाहिए और उसमें यह बताया गया हो कि वसीयतकर्ता अपनी पूरी मर्जी से यह वसीयत बना रहा है और वह कौन-कौन सी संपत्ति किसे देना चाहता है. वसीयत पर दो गवाहों के सिग्नेचर या अंगूठे का निशान हों, इसके अलावा वसीयतकर्ता का साइन या अंगूठा जरूर हो. ऐसे में अगर वसीयत कानूनी रूप से ठीक तरह से लिखी गई है तो वह पूरी तरह वैध मानी जाती है. इस तरह की वसीयत के आधार पर प्रॉपर्टी क्लेम की जा सकती है. 

वसीयत के आधार पर संपत्ति कैसे क्लेम करें?

1. वसीयत की कॉपी इकट्ठा करें – सादे कागज पर लिखी गई वसीयत और सभी जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे संपत्ति के कागज, आईडी प्रूफ, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि तैयार रखें. 

2. प्रोबेट के लिए आवेदन करें – अगर संपत्ति कोर्ट के रास्ते ट्रांसफर करनी है तो सिविल कोर्ट में प्रोबेट के लिए आवेदन करना होता है. प्रोबेट एक तरह की कोर्ट से मिली मंजूरी होती है, जिससे वसीयत वैध घोषित हो जाती है. 

3. कोर्ट में वसीयत के गवाहों की गवाही – गवाहों को जरूरत पड़ने पर कोर्ट में बुलाया जा सकता है ताकि वे पता कर सकें कि वसीयत उनके सामने लिखी और साइन की गई थी. 

4. प्रॉपर्टी ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू करें – जब वसीयत कोर्ट से मंजूर हो जाएि तो म्यूनिसिपलिटी या तहसील ऑफिस जाकर प्रॉपर्टी अपने नाम करवाने के लिए आवेदन करें. 

यह भी पढ़ें घर में हैं बहुत से कटे-फटे नोट तो यहां कर सकते हैं एक्सचेंज, जान लें पूरा प्रोसेस