Vande Bharat Express: स्वदेशी सेमी हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस की कई ट्रेन शुरू की जा चुकी है. देश के कई रूटों पर इसे चलाया जा रहा है. मुंबई से इसे तीन रूटों पर संचालित किया जा रहा है. सरकार का प्लान देशभर में वंदे भारत ट्रेनों को चलाने का प्लान है. अब इसमें से एक वंदे भारत ट्रेन को चलाने का मौका एशिया की पहली महिला लोको पायलट को मिला है. 


एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट सुरेखा यादव हैं. उन्हें अब वह मुंबई-पुणे-सोलापुर रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का अवसर मिला है. 34 साल तक रेलवे में सेवा देने वाली सुरेखा यादव ने 2021 में महिला दिवस के अवसर पर टीओआई के साथ बातचीत वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की इच्छा जाहिर की थी. 


समय पर पहुंची वंदे भारत एक्सप्रेस 


सुरेखा यादव ने भारतीय रेलवे से कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का मौका मिला है. यादव की ओर से चलाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस सोनापुर से समय से रवाना हुई और 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंची. हालांकि चलाने से पहले एशिया की पहली महिला लोको पायलट ने पूरी जानकारी ली. फिर ट्रेन को चलाने के लिए आगे बढ़ी. 


कौन हैं सुरेखा यादव 


सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव ने 1989 के दौरान सहायक चालक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी. 1996 में मालगाड़ी चलाने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने कई गाड़ियों का संचालन किया. रेलवे की ओर से जानकारी दी गई कि वे अभी महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाने के मिशन पर है.


देश में 1,500 महिला लोको पायलट


2017 में मध्य रेलवे का माटुंगा स्टेशन ऐसा पहला स्टेशन बन गया, जिसका प्रबंधन केवल महिला कर्मचारियों द्वारा किया जाता है. कुछ महीने बाद पश्चिम रेलवे ने माटुंगा रोड स्टेशन पर विचार पेश की थी. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि देश में करीब 1,500 महिला लोकोमोटिव पायलट हैं.


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