Rules For Tenant: अक्सर लोगों को काम के सिलसिले में अपने शहरों को छोड़कर दूसरे शहर जाना होता है. कई बार लोग छोटे शहर को छोड़कर बड़े शहर में शिफ्ट होते हैं. तो कई बार लोग किसी एक बड़े शहर को छोड़कर किसी दूसरे बड़े शहर में शिफ्ट होते हैं. किसी नए शहर जाकर लोग सबसे पहले रहने के लिए एक आशियाना ढूंढते हैं. नए शहरों में लोग किराए पर ही रहते हैं.

तो कई बार बड़े शहरों में लोग कमाई के लिए अपने खाली बड़े घरों को किराए पर दे देते हैं. और अब पिछले कुछ समय से यह बेहद आम हो चला है. लेकिन आपको बता दें अगर एक अरसे तक कोई आपके घर में बतौर किराएदार रहता है. तो वह आपके फ्लैट पर दावा ठोक सकता है. चलिए बताते हैं इसे लेकर क्या हैं नियम. 

12 साल बाद किराएदार कर सकता है फ्लैट पर दावा

दरअसल अगर कोई किरायेदार लगातार 12 साल तक किसी फ्लैट पर बिना किसी ऑब्जेक्शन के रह रहा है और मकान मालिक ने उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है. तो फिर ऐसी स्थिति में वह किराएदार एडवर्स पजेशन यानी विरोधात्मक कब्जा के तहत उस फ्लैट पर दावा कर सकता है.

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हालांकि सिर्फ दावा करने से ही वह फ्लैट किराएदार को नहीं मिल जाएगा. उसे उसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे. जैसे बिजली का बिल, पानी का बिल, प्रॉपर्टी टैक्स के कागजात. अगर यह सब दस्तावेज उसके पास होते हैं. और मकान मालिक इनका विरोध नहीं कर पता है. तो फिर किराएदार का फ्लैट पर कब्जा हो सकता है. 

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इस केस में नहीं कर पाएगा किराएदार दावा

आपको बता दें अगर आपके फ्लैट में कोई किरायेदार बाकायदा रेंट एग्रीमेंट के साथ रह रहा है. तो ऐसे में वह दावा नहीं कर सकता. इसके अलावा आपको किराएदार के नाम पर ना पानी का बिल करना है. और ना बिजली का बिल करना है. अगर आपको लगे आपके किराएदार का व्यवहार सही नहीं है. तो आप उसे अपना फ्लैट खाली करने के लिए कह सकते हैं. इसके लिए आप उसे नोटिस दे सकते हैं. अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं. तो फिर आप अपने फ्लैट से हाथ धो बैठ सकते हैं.

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