Dehi जीतने को इतने बेताब क्यों हैं Amit Shah...ये दिल्ली अगर मिल भी जाए तो क्या है ? |ABP Uncut
ABP News Bureau | 03 Feb 2020 05:00 PM (IST)
प्यासा फिल्म की गाने ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है कि तर्ज पर कहा जा सकता है कि ये दिल्ली मिल भी जाए तो क्या है ...ये आधी अधूरी दिल्ली मिल भी जाए तो क्या है . सात सांसद बीजेपी के पास हैं ही अब 70 विधायकों वाली आधी अधूरी विधानसभा हासिल कर भी ली तो क्या महान काम हो जाएगा . आखिर जला दो जला दो जला दो ये दिल्ली का माहौल हवा में क्यों है . आखिर दिल्ली जीतने की इतनी आतुरता क्यों है . दरअसल दिल्ली चुनाव को अमित शाह करो या मरो की लडाई ले कर चल रहे हैं . भले ही सामूहिक नेतृत्व की बात हो रही हो लेकिन सच यही है कि अमित शाह की छाप हर तरफ है . पोस्टरों में अमित शाह ही छाए हुए हैं .....रोज ही कही रोड शो हो रहा है कहीं सभा हो रही है कहीं चाय पर चर्चा हो रही है तो कहीं बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं . बीजेपी ने अपना नरेटिव भी बदला है . लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी हरियाणा में अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी , महाराष्ट्र में शिव सेना ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाकर बीजेपी को हाशिए पर ला टपका , झारखंड बीजेपी हार गयी . तब अमित शाह कार्यवाहक अध्यक्ष थे . अब नहीं है लेकिन दिल्ली हर कीमत पर जीतना चाहते हैं . जानकारों के अनुसार अमित शाह संदेश देना चाहते हैं वो खिलाफ हवा में भगवा फहराने का अकेले दमखम रखते हैं . केन्द्र में मोदी राज्यों में अपने अपने सरदार .....इस ट्रेंड को दिल्ली में रोकना चाहते हैं अमित शाह .. दिल्ली में अगर बीजेपी हारी तो लगातार दो विधानसभा चुनाव हारेगी ...इससे ज्यादा ये है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल लगातार दो बार जीतेंगे वो भी मोदी अमित शाह की बीजेपी को हराकर जीतेंगे . अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी अपनी हार तो पचा लेगी लेकिन केजरीवाल की जीत पचा नहीं पाएगी .