Modi 2.0 के पूरे हुए एक साल , जानिए जम्मू-कश्मीर से कैसे हटी धारा 370? | ABP Uncut
एबीपी न्यूज़ | 29 May 2020 10:10 PM (IST)
मोदी 2.0 : भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से ही कश्मीर का मुद्दा भारत के लिए एक अहम मुद्दा रहा है. आर्टिकल 370 और 35 A के तहत कश्मीर को दिए गए विशेष प्रावधान हमेशा से विवाद का विषय रहे हैं. इसी कश्मीर के लिए बीजेपी की पैतृक पार्टी जनसंघ के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नारा दिया कि एक देश में एक विधान और एक संविधान होना चाहिए. पहले जनसंघ और फिर बीजेपी इस मुद्दे पर काम करती रही. 2014 में भी जब मोदी सरकार बनी तो उसकी प्राथमिकता में ये काम था, लेकिन पूरा नहीं हो पाया. तब बीजेपी ने कश्मीर को थोड़ा और बेहतर ढंग से समझने के लिए मुफ्ती मोहम्मद सईद की पार्टी पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी. बाद में सईद के निधन के बाद महबूबा के साथ सरकार बनी, लेकिन फिर बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया. मई 2019 में जब नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और अमित शाह के रूप में देश का नया गृहमंत्री तय हुआ तो उसके कुछ ही महीने बाद कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया गया. इसके साथ ही कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया. इतना ही नहीं, ये मोदी सरकार की राजनैतिक इच्छाशक्ति ही थी कि उसने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया. एक हिस्सा बना जम्मू-कश्मीर, जिसमें विधानसभा थी. दूसरा हिस्सा बना लद्दाख, जो बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना. कश्मीर पर लिए गए इस फैसले का विपक्ष के लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन पूरे एहतियात के साथ मोदी सरकार अपने इस फैसले को लागू करने में कामयाब रही.