आईपीसी बनी तो नहीं था राजद्रोह, आजाद भारत में कानून के लिए नेहरू-इंदिरा हैं जिम्मेदार
ABP Live | 13 May 2022 07:23 PM (IST)
अंग्रेजों के जमाने का एक कानून, जो जायज से ज्यादा नाजायज वजहों से चर्चा में रहा है, जो अपने अस्तित्व के वक्त से ही बेजा इस्तेमाल के लिए बदनाम रहा है, जिसका उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हुआ है और जो अंग्रेजों के साथ ही आजाद भारत की भी तकरीबन हर सरकार के लिए विरोधियों का मुंह बंद करने का हथियार साबित होता आया है, उस कानून का नाम है राजद्रोह कानून, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक इस कानून पर केंद्र सरकार पुनर्विचार नहीं करती है, इस सेक्शन के तहत कोई भी नया केस दर्ज ही नहीं हो सकता है. आईपीसी के लागू होते वक्त जिस कानून का जिक्र ही नहीं था, आखिर वो कैसे पहले आईपीसी का हिस्सा बना और कैसे नेहरू और फिर इंदिरा की वजह से इस कानून का दुरुपयोग शुरू हुआ, सब जानिए विस्तार से इस वीडियो में.