Delhi Vehicle Rule: सरकार का फरमान...आम आदमी होता रहे परेशान! | Sandeep Chaudhary | Seedha Sawal
दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों, खासकर 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न देने का फैसला वापस ले लिया है. पहले सरकार ने इन वाहनों पर ईंधन पाबंदी लगाई थी और पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों को ईंधन न देने पर जुर्माना लगाने और जेल भेजने की चेतावनी दी थी. इस फैसले से आम आदमी को काफी परेशानी हुई थी. बहस के दौरान यह सवाल उठाया गया कि अगर फैसला वापस लिया जा सकता था, तो आम आदमी के साथ मखौल क्यों किया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि गाड़ी नहीं चलने देने के नाम पर गोरखधंधा शुरू किया गया, जिसमें प्रदूषण सर्टिफिकेट बंद करना और पार्किंग एरिया से पुरानी गाड़ियों को जब्त कर स्क्रैप डीलर को देना शामिल था. सरकार ने APNR कैमरा लगाने पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे, यह कहते हुए कि CAQM का आदेश है. अब CAQM के आदेश के तहत ही फैसला वापस लिया गया है. महेश वर्मा ने कहा कि लाखों गाड़ियों को जब्त करके स्क्रैप डीलर को बेचने का धंधा अब जाकर रुका है. एक मंत्री के पत्र का जिक्र करते हुए कहा गया कि दिल्ली के नागरिकों को हो रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने CAQM से एंड ऑफ लाइफ वाहनों को ईंधन न देने के निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है. यह भी सवाल उठा कि यह पहले क्यों नहीं किया गया, जब 1 मार्च को पाबंदी की बात की जा रही थी.