सेना है तो 'आजादी' है... जानें कश्मीर की शमीमा की कहानी | Master Stroke
ABP News Bureau | 15 Jan 2020 10:51 PM (IST)
कश्मीर की आजादी के लिए नारे दो दिन पहले जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में लगे थे. जो बॉर्डर पर हैं तो आपको यहां हर तरह की आजादी मिली है. जो बॉर्डर पर तैनात हैं, तो आप नया साल मना रहे हैं. इन सैनिकों की उंगली बंदूक की ट्रिगर पर है, इसीलिए यहां नारे लगाने की आजादी है. कश्मीर में देश के इन्हीं सैनिकों ने एक बार फिर से वो कारनामा किया है, जिसकी वजह से वो देश के सच्चे रखवाले कहलाते हैं. देखिए ये पूरी रिपोर्ट.