Religious Conversion Racket: विदेशी फंडिंग, करोड़ों की संपत्ति और धर्मांतरण का 'खेल'!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 10 Jul 2025 11:54 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. इस रैकेट का सरगना छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन है, जिस पर धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग और इसी फंडिंग के जरिए करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप है. जानकारी के अनुसार, छांगुर बाबा की आलीशान कोठी से एक मिनी पावर हाउस, 5 लाख का जेनरेटर, विदेशी नस्ल के छह कुत्ते, शक्तिवर्धक दवाएं, मसाज ऑयल और घोड़े मिले हैं. कोठी में लगभग एक दर्जन कमरे थे, जहाँ छांगुर बाबा अपनी सहयोगी नसरीन उर्फ नीतू के साथ रहता था. दाहिने हाथ की एक इमारत, जिसमें दो दर्जन से अधिक कमरे बन चुके थे और जिसका उपयोग मजहबी शिक्षा देने और लोगों का ब्रेन वॉश करने के लिए किया जाता था, उसे अवैध जमीन पर होने के कारण बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है. यह पूरी प्रॉपर्टी कटीले तारों से घिरी थी और इसमें बिजली के तार भी लगे थे. तीन बीघे में बनी इस कोठी की लागत 3 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जिसमें 70 से ज्यादा कमरे और हॉल थे. इसकी निगरानी 10 CCTV कैमरों से की जाती थी. कोठी के चारों ओर बाउंड्री वॉल पर करंट दौड़ता था और 500 मीटर की प्राइवेट रोड भी बनी थी. विदेशी टाइल्स और संगमरमर के पत्थर भी लगे थे. कई महंगे सोफे, कुर्सियां, विदेशी शैम्पू और साबुन भी मिले हैं. इस मामले में कुल चार गिरफ्तारियां हुई हैं, जिनमें नसरीन का पति और जलालुद्दीन का बेटा शामिल है. पुलिस और ATS के पास कई गवाह हैं, जिनका गलत तरीके से धर्मांतरण करवाया गया था. पिछले दिनों 17 लोगों की घर वापसी भी हुई है. इस नेटवर्क से जुड़े 10 और संदिग्ध लोगों की तलाश जारी है. बलरामपुर और नेपाल बॉर्डर के इलाकों में भी जांच चल रही है. फंडिंग नेटवर्क की भी जांच हो रही है, जिसमें नीतू के आठ और बाबा के पांच खातों में आए पैसों की जानकारी सामने आई है. इन खातों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन का पता चला है. जलालुद्दीन और नसरीन 5 जुलाई को UP ATS के शिकंजे में आने से पहले लखनऊ के स्टार रूम्स होटल में 80 दिन तक छिपे रहे थे. इस गिरोह ने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए 'रेट लिस्ट' बना रखी थी. इसके मुताबिक, "ब्राह्मणों की बच्चियां है, छत्रियों की बच्चियां है तो उनको ये 15 ₹15,00,000 दे रहे हैं जो हमारी थोड़े दलित समाज से बच्चियां है। उनको ये 101012 ₹12,00,000 जो थोड़ा कमजोर वर्ग है उन बच्चों को ये ले जाते हैं बहला फासला के उनके साथ।" विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने इस नेटवर्क के खिलाफ मोर्चा खोला था.