कनाडा की ठंडी हवा में जब भारतीय संस्कृति की गर्म लौ जल उठी, तो नजारा कुछ ऐसा था जैसे हजारों किलोमीटर दूर भारत की गंगा तट की परंपरा अचानक क्रेडिट नदी के किनारे उतर आई हो. मिसिसॉगा के एरिंडेल पार्क में गूंजते मंत्र, जलती दीपमालाएं और पारंपरिक वेशभूषा में सजे प्रवासी भारतीयों का उत्साह, ये सब मिलकर उस शाम को एक दिव्य अनुभव में बदल रहे थे. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट ने जहां एक तरफ भारतीय संस्कृति की महक फैलाई है, वहीं कुछ आलोचनाओं को भी जन्म दिया है. लेकिन इन सबके बीच, इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय कहीं भी जाए, अपनी परंपराएं साथ लेकर चलता है.

क्रेडिट नदी के किनारे हुई गंगा आरती

इस हफ्ते की शुरुआत में कनाडा के टोरंटो शहर के पास स्थित मिसिसॉगा के एरिंडेल पार्क में एक खास कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों ने मिलकर 'गंगा आरती' की. खास बात ये थी कि ये आरती भारत की पवित्र गंगा नदी पर नहीं, बल्कि कनाडा की 'क्रेडिट नदी' के किनारे की गई. इस आयोजन का नाम था गंगा आरती इन कनाडा और इसका आयोजन 'रेडियो ढिशुम' नाम के एक स्थानीय भारतीय संगठन ने किया था.

बड़ी संख्या में पहुंचे थे भारतीय प्रवासी

इस खास शाम को देखने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पहुंचे. कई लोग पारंपरिक भारतीय कपड़े पहने हुए थे. किसी के हाथ में पूजा की थाली थी, तो कोई दीपक सजाकर लाया था. आरती के वक्त पूरा वातावरण मंत्रों और शंखनाद से गूंज उठा. ऐसा लग रहा था मानो भारत की पवित्रता को किसी ने कनाडा की धरती पर उतार दिया हो. वहां मौजूद हर चेहरे पर आस्था और गर्व की झलक साफ दिख रही थी.

भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूत संजीव सकलानी भी हुए शामिल

इस धार्मिक आयोजन में टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूत संजीव सकलानी भी शामिल हुए. भारतीय दूतावास ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा... "वाणिज्य दूत संजीव सकलानी ने टीम @RadioDhishum ने मिसिसॉगा के एरिंडेल पार्क में क्रेडिट नदी के तट पर आयोजित दिव्य मंत्रोच्चार और पवित्र मंत्रों की एक भावपूर्ण शाम, गंगा आरती में वाणिज्य दूतावास का प्रतिनिधित्व किया."

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दो भागों में बंटे यूजर्स के रिएक्शन

सोशल मीडिया पर जैसे ही पोस्ट को शेयर किया गया तो यूजर्स दो हिस्सो में बंट गए. कुछ ने इस परंपरा की तारीफ की तो कुछ ने इसे अलोचना करने के लिए चुना. एक यूजर ने लिखा...ये सब करके हम क्या दिखाना चाहते हैं. पहले अपनी गंगा जिसकी हम आरती करते हैं उसे तो साफ कर लें, या क्रेडिट नदी को भी खराब करना है. एक और यूजर ने लिखा...कनाडा में स्थानीय प्रशासन को इन लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा....भारतीय अपनी संस्कृति साथ लेकर चलता है.

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