चीन से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी कंपनी ने अपने इंजीनियर को काम के घंटों में बार-बार और लंबे समय तक बाथरूम जाने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया. मामला तब चर्चा में आया जब इंजीनियर ने बर्खास्तगी को लेकर अदालत का रुख किया और पूरी कहानी सार्वजनिक हुई. अब ये मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसे लेकर इंटरनेट यूजर्स तरह तरह की बातें कर रहे हैं.

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बार बार बाथरूम ब्रेक लेता था कर्मचारी, कंपनी ने छीन ली नौकरी

जानकारी के मुताबिक, ली उपनाम वाला यह व्यक्ति जियांग्सू प्रांत की एक कंपनी में पिछले 10 साल से ज्यादा समय से इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा था. कंपनी का आरोप था कि ली काम के घंटों के दौरान बार-बार बाथरूम जाता था और कई बार घंटों तक वापस नहीं आता था. इसी वजह से कंपनी ने उसकी सेवाएं समाप्त कर दीं.

अदालत पहुंचा मामला

नौकरी से निकाले जाने के बाद ली ने अपने पूर्व नियोक्ता के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने दावा किया कि उनकी बर्खास्तगी गलत और अनुचित है. इस मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने अपने बचाव में निगरानी कैमरों की फुटेज पेश की. फुटेज के अनुसार, अप्रैल और मई 2024 के बीच 30 दिनों की अवधि में ली ने 14 बार बेहद लंबे बाथरूम ब्रेक लिए थे. इनमें से सबसे लंबा ब्रेक करीब चार घंटे का था.

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कर्मचारी बोला, बवासीर है इसलिए लेता था बार बार ब्रेक

कंपनी ने यह भी बताया कि जब ली लंबे समय तक अपनी सीट से गायब रहते थे, तब प्रबंधन ने उन्हें चैट ऐप के जरिए संपर्क करने की कोशिश करता था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला करता था. कंपनी का कहना था कि ली की जिम्मेदारी ऐसी थी कि उन्हें काम के समय हमेशा उपलब्ध रहना जरूरी था. वहीं, ली ने अपनी सफाई में कहा कि वह स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे. उन्होंने अदालत में बवासीर से जुड़ी दवाओं के सबूत पेश किए, जो उनकी साथी ने मई और जून 2024 में ऑनलाइन खरीदी थीं. इसके अलावा, उन्होंने जनवरी 2025 में हुई अपनी सर्जरी से जुड़े मेडिकल रिकॉर्ड भी दिखाए. ली का कहना था कि बीमारी के कारण बार-बार बाथरूम जाना उनके लिए मजबूरी थी.

अदालत ने कंपनी के पक्ष में सुनाया फैसला

ली और उनके वकीलों ने अदालत से मांग की कि कंपनी ने जो अनुबंध खत्म किया है उसके बदले उन्हें 3 लाख 20 हजार युआन (करीब 45 हजार डॉलर) का मुआवजा दिया जाए. हालांकि, इस मामले में अदालत ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया. अदालत का मानना था कि काम के दौरान ली का बाथरूम में बिताया गया समय सामान्य शारीरिक जरूरतों से कहीं ज्यादा था. अदालत ने यह भी कहा कि ली ने अपनी स्वास्थ्य समस्या के बारे में कंपनी को पहले से जानकारी नहीं दी थी और न ही मेडिकल लीव ली थी. इसके अलावा, कंपनी ने उन्हें हटाने से पहले श्रमिक संघ की अनुमति भी ली थी, जो नियमों के अनुसार सही था.

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यूजर्स ने दी अपनी प्रतिक्रियाएं

इस मामले के सामने आते ही सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है. कई यूजर्स ने कंपनी के फैसले को अमानवीय और कठोर बताया, जबकि कुछ लोगों ने अदालत के निर्णय को सही ठहराया. एक यूजर ने लिखा, “बीमारी किसी की पसंद नहीं होती, ऐसे में कर्मचारी को बाथरूम जाने पर नौकरी से निकालना गलत है.” वहीं दूसरे यूजर का कहना था,  वाह “अगर कोई घंटों गायब रहे और कंपनी को जानकारी न दे, तो कार्रवाई जरूरी है.”

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