Apple iPhone: एप्पल के सीईओ टिम कुक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है जिसमें वे बताते हैं कि एप्पल अपने iPhone चीन में क्यों बनाता है. अक्सर ऐसा माना जाता है कि कंपनियां चीन में कम लेबर कॉस्ट के चलते अपने प्रोडक्ट्स का उत्पादन चीन में करती हैं. लेकिन टिम कुक इस सोच से सहमत नहीं हैं. उनके अनुसार, "चीन अब सस्ते लेबर कॉस्ट वाला देश नहीं रहा."
X पर वायरल हुआ वीडियो
टिम कुक ने साफ़ किया कि एप्पल चीन को इसलिए चुनता है क्योंकि वहां ज़रूरी तकनीक एक ही जगह पर बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि एप्पल जिन प्रोडक्ट्स का निर्माण करता है उनमें हाई क्वालिटी की तकनीक और बेहतरीन टूलिंग की जरूरत होती है और यह कुशलता चीन में काफी बेहतर तरीके से मौजूद है.
टिम कुक ने अमेरिका और चीन के निर्माण कौशल की तुलना करते हुए कहा, "अगर अमेरिका में टूलिंग इंजीनियरों की मीटिंग बुलाई जाए, तो शायद एक कमरा भी पूरा न भर पाए. लेकिन चीन में ऐसी विशेषज्ञता से कई फुटबॉल मैदान भर सकते हैं." इससे साफ है कि चीन में व्यावसायिक स्किल बहुत मजबूत है.
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ज़ोर दिया कि एप्पल को अमेरिका में ही प्रोडक्शन शुरू करना चाहिए. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि अगर एप्पल को लगता कि अमेरिका में यह संभव नहीं है तो वह देश में 500 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा नहीं करता.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट
हालांकि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भविष्य में एप्पल के लिए iPhone का निर्माण अमेरिका में ले जाना संभव नहीं है क्योंकि वहां ज़रूरी सुविधाएं और कुशल लेबर की भारी कमी है. इसके अलावा, प्रोडक्शन से जुड़ी सप्लाई चेन, तकनीकी ज्ञान और अनुभव का जो सिस्टम एशिया में मौजूद है, वह अमेरिका में अभी नहीं है.
इस बीच, एप्पल भारत को चीन का विकल्प बनाने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है. कंपनी के पार्टनर्स भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा iPhone प्लांट बना रहे हैं. मार्च तक के पिछले 12 महीनों में, भारत में लगभग 22 अरब डॉलर के iPhones तैयार किए गए हैं जो पिछले साल की तुलना में करीब 60% अधिक है.
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